मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव पर बीजेपी और कांग्रेस के अलावा देश के अन्य दलों की निगाहें भी लगी हैं. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी के बाद अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी प्रदेश आ रहे हैं. आम आदमी पार्टी एमपी में अपने आप को तीसरे विकल्प के रूप में देख रही है. अरविंद केजरीवाल 2 जुलाई को सिंगरौली में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी रानी अग्रवाल के समर्थन में सभा करने आ रहे हैं. केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भी प्रदेश आने वाले हैं.
साल 2018 का चुनावी अंक गणित
- 2018 में भाजपा को 41 और कांग्रेस को 40.09 प्रतिशत मत मिला था
- निर्दलीय एवं अन्य दलों को 19 प्रतिशत मत मिले थे
- चुनावों में अब अन्य दलों की नजर प्रदेश पर लगी हुई है
- भाजपा और कांग्रेस के वोटर्स पर आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम की नजर है
- सपा और बसपा के कमजोर होने से भी अन्य दलों की प्रदेश में उम्मीदें जागी हैं
इस मामले पर बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस तरह के दल हमेशा चुनाव में आते हैं और वापस चले जाते हैं. ये प्रदेश पर प्रभाव नहीं छोड़ सकते.
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दिल्ली और पंजाब के बाद अरविंद केजरीवाल की गुजरात में एंट्री और मध्य प्रदेश में दस्तक देना भाजपा के लिये एक चेतावनी तो है. आम आदमी पार्टी के हिस्से में जाने वाला वोट भाजपा, और एआईएमआईएम को मिलने वाला वोट कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगा, ये बात तो तय ही मानी जा रही है.
HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी की दस्तक
- अरविंद केजरीवाल करेंगे सिंगरौली में रैली
- सपा-बसपा जैसे क्षेत्रीय दलों के कमजोर होने का मिलेगा फायदा