मध्यप्रदेश के चुनावी मैदान में पहली बार उतरी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने जीत की शुरुआत कर दी है. नगरीय निकाय के दूसरे चरण की मतगणना में एआईएमआईएम ने खरगोन के तीन वार्डों में जीत दर्ज की है. खरगोन नगर पालिका में 33 वार्डों में भाजपा ने 19 और कांग्रेस ने 4 पर जीत दर्ज की है. खरगोन में एआईएमआईएम के प्रत्याशियों की जीत ने साफ कर दिया है कि इस क्षेत्र में हिंसा के बाद हुए ध्रुवीकरण का लाभ सीधे-सीधे भाजपा और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को मिला है. गौरतलब है कि ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उन्हीं क्षेत्रों में उतारे थे, जिनमें ध्रुवीकरण की संभावना थी. जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ माहों में सांप्रदायिक तनाव की घटना हुई थी. लिहाजा, ओवैसी उन्हीं इलाकों में ओवैसी सक्रिय दिखाई दिए थे. इसके अलावा ओवैसी की पार्टी को जबलपुर में दो सीट पर और एक बुरहानपुर और खंडवा में एक-एक सीट पर जीत मिली है.
बुरहानपुर में कांग्रेस की हार के कारण बने ओवैसी
एआईएमआईएम के प्रत्याशी कई सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे. बुरहानपुर में एआईएमआईएम के महापौर प्रत्याशी को भी 12 हजार से अधिक वोट मिले, जिसके कारण कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा. इस चुनाव में ओवैसी ने जमकर प्रचार किया था. इस दौरान ओवैसी ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर में सभाएं की थी. ओवैसी की इन सभाओं में अच्छी भीड़ जुट रही थी, जिसका असर रिजल्ट में भी दिख रहा है.
2023 के विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाएगी AIMIM
ओवैसी की पार्टी 2023 के MP विधानसभा चुनाव में भी उतरे का ऐलान कर रखा है. एमपी के 23 विधानसभा चुनाव में उतरने के फैसले से कांग्रेस को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है. इस बार भी एआईएमआईएम जो भी सीटें जीती हैं, उन सभी पर इससे पहले कांग्रेस का कब्जा था. इन परिणामों से साफ है कि एमपी में अब एआईएमआईएम की सक्रियता बढ़ती दिखाई देगी. गौरतलब है कि खरगोन में रामनवमी पर सांप्रदायिक हिंसा की घटना हुई थी. इस घटना के बाद करीब 15 दिन तक शहर में कर्फ्यू लगा रहा था.
Source : Nitendra Sharma