मध्य प्रदेश में चल रहे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक दूसरे के प्रति काफी तीखे हमले कर रहे हैं. कमलनाथ पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में वोट डालने छिंदवाड़ा नहीं गए. भाजपा अब नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 13 जुलाई को होने वाले मतदान में इसे मुद्दा बना रही है. चौहान ने कमलनाथ के वोट न डालने पर उनपर हमला करते हुए इसका कारण पूछा है. चौहान ने यह भी कहा कि जब कांग्रेस के अध्यक्ष ही वोट नहीं डाल रहे तो जनता क्यों कांग्रेस को वोट देगी? चौहान ने यह भी कहा कि वोट न डालकर कमलनाथ ने लोकतंत्र का अपमान किया है.
कमलनाथ ने भी चौहान की बातों का जबाव दिया है. कमलनाथ ने ट्वीट किया कि लोकतंत्र की हत्या कर सौदे से बनी अलोकतांत्रिक सरकार लोकतंत्र के सम्मान की बात कर रही है. कमलनाथ ने लिखा है कि सौदे की सरकार बनाकर 25 विधानसभा क्षेत्रों के 56 लाख मतदाताओं का अपमान किया है. उन्होंने लिखा है कि लोकतंत्र का पाठ जनता ने 2018 में पढ़ा दिया था, और फिर पढ़ाने को तैयार है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के संबंधों में अभी तक कटुता नहीं देखी गई. दोनों एक-दूसरे के खिलाफ काफी मर्यादित भाषा का प्रयोग भी करते हैं. नगरीय निकाय के चुनाव ने दोनों के बीच टकराव की स्थिति खड़ी कर दी. सीएम शिवराज सिंह ने तो इस चुनाव में यहां तक कह दिया कि कमलनाथ आतंकियों जैसा बर्ताव कर रहे हैं.
कमलनाथ ने भी चौहान से यहां तक कह दिया कि प्रदेश के हित में आपका दिया हर विष स्वीकार है. इन दोनों के बीच अब यह टकराव विधानसभा चुनाव तक देखने को मिल सकता है. नगरीय निकाय के दूसरे चरण में 5 नगर निगमों सहित 216 नगरीय निकायों में मतदान होना है. भाजपा इन क्षेत्रों में इस बात केा प्रचारित कर रही है कि कमलनाथ जब स्वयं वोट नहीं डाल रहे तो ऐसी कांग्रेस को वोट नहीं देना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- सीएम और पूर्व सीएम एक दूसरे पर हुए हमलावर
- नगरीय निकाय चुनाव के कारण चल रहा टकराव
Source : Nitendra Sharma