मध्य प्रदेश में टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे है. प्रदेश के सागर जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही और उदासीनता सामने आई है. इस मामले में तीन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, जबकि दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. कोविड पर ब्रेक लगाने के लिए टीकाकरण महाअभियान चलाया जा रहा है. पहले दिन 21 जून को सत्र स्थल पर उपस्थित नहीं होने और पूर्व में भी रूटीन टीकाकरण सत्र से अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी दीपक सिंह द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शाहपुर की एएनएम चंद्रवती अहिरवार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसीनगर के उपस्वास्थ्य केन्द्र चारटोरिया की एएनएम मीना अहिरवार, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसीनगर के उपस्वास्थ्य केन्द्र चारटोरिया के एम.पी.डब्ल्यू घनश्याम अहिरवार को निलंबित किया गया है.
इसी प्रकार लापरवाही एवं उदासीनता पर शाहपुर के प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ . आनंद दास शर्मा एवं जैसीनगर के प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.एल.एस.शाक्या को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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इंदौर ने टीकाकरण में भी रचा इतिहास
मध्य प्रदेश का इंदौर वह जिला है, जिसने कई इतिहास रचे हैं। कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में भी इस जिले ने इतिहास बनाया है। इंदौर में एक दिन में देश में सबसे ज्यादा टीके लगाए गए। देश और दुनिया में इंदौर की पहचान सबसे स्वच्छ शहर के तौर पर है। अब इस नगरी ने देश में फिर एक नया इतिहास कायम किया है। एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण करने वाला इंदौर देश का पहला जिला बना है। इंदौर जिले में टीकाकरण महा-अभियान के तहत एक दिन में दो लाख, 12 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया।
कलेक्टर मनीष सिंह ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए बनाई गई रणनीति का ब्यौरा देते हुए कहा कि सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर उसका मैदानी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन किया गया। न्यूनतम समय में अधिकतम टीकाकरण हो, इसके लिये प्रत्येक टीकाकरण केन्द्र पर दो-दो ऑपरेटर तैनात किये गये। टीका लगाने वाले स्टॉफ को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। समाज के हर वर्ग के साथ बैठकर टीकाकरण को लेकर उनसे संवाद किया और कार्यक्रम में सहयोग देने और उसे सफल बनाने का आग्रह किया गया। धर्मगुरूओं के संदेश का भी विशेष प्रभाव देखा गया।
बताया गया है कि जिले में टीकाकरण अभियान की विभिन्न व्यवस्थाएं लोकतंत्र के महोत्सव निर्वाचन की तर्ज पर की गई। टीकाकरण की सामग्री वितरण के लिये फोकल पाइंट बनाये गये। जिले में एक हजार से अधिक टीकाकरण केन्द्र बनाये गये। व्यवस्थाओं की निगरानी के लिये और टीकाकरण केन्द्रों पर आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिये सर्वसुविधायुक्त कंट्रोल रूम स्थापित किया गया।