मध्य प्रदेश में लगातार गायों पर लम्पी वायरस का ख़तरा बढ़ता जा रहा है । प्रदेश के क़रीब 26 ऐसे ज़िले है जहां लम्पी वायरस का ख़तरा बढ़ा है । भोपाल के गुफा मंदिर गौ शाला की में आज पशुपालन विभाग द्वारा गायों का टीकाकरण किया गया । फ़िलहाल भोपाल में लम्पी वायरस का कोई मामला सामना नहीं आया है । प्रदेश में अब तक 7686 पशु प्रभावित हुए है तो दूसरी तरफ़ 5432 पशु ठीक हुए है । वही अब तक 101 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है । वहीं सीएम ने राजस्थान और गुजरात की सीमा से लगे जिलों अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच, राजगढ़ और बुरहानपुर के पशुपालन विभाग के अमले को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र की पशु चिकित्सा संस्थाओं में पदस्थ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ और सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को दायित्व दिए गए हैं। सतत् निगरानी रखी जा रही है।
डॉक्टर ज़ैदी ने जानकारी देते हुए बताया गया कि लंपी वायरस एक स्किन बीमारी है, जो पॉक्स प्रजाति के वायरस से गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में होती है। रोग के लक्षणों में संक्रमित पशु को हल्का बुखार होना, मुँह से अत्यधिक लार तथा आँखे एवं नाक से पानी बहना, लिंफ नोड्स तथा पैरों में सूजन एवं दुग्ध उत्पादन में गिरावट, गर्भित पशुओं में गर्भपात एवं कभी-कभी पशु की मृत्यु होना, पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 2 से 5 सेंटीमीटर आकार की गठानें बन जाना शामिल है। पशुओं को मुँह में छाले आना भी एक लक्षण है। यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है। रोकथाम और बचाव के उपायों में संक्रमित पशु/पशुओं के झुण्ड को स्वस्थ पशुओं से पृथक रखना, कीटनाशक और विषाणु नाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किलनी, मक्खी, मच्छर आदि को नष्ट करना, पशुओं के आवास- बाड़े की साफ-सफाई रखना, संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों में पशुओं के आवागमन को रोका जाना, रोग के लक्षण दिखाई देने पर अविलंब पशु चिकित्सक से उपचार कराना, क्षेत्र में बीमारी का प्रकोप थमने तक पशुओं के बाजार, मेले आयोजन तथा पशुओं के क्रय-विक्रय आदि को रोकना और स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना शामिल है।
Source : News Nation Bureau