मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग के क्षेत्र में जनजातीय जन-जीवन पर केंद्रित नया संग्रहालय बनाया जाएगा. आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग सहित वो लोग जो विकास में सबसे पीछे और सबसे नीचे हैं, उनका कल्याण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. सरकारी खजाने पर भी पहला हक इन वर्गो का ही है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजाति वर्ग की परंपराओं, जीवन मूल्यों और उनकी संस्कृति को कायम रखते हुए उनकी समग्र प्रगति के प्रयास बढ़ाये जाएंगे.
यह भी पढ़ें : भोपाल में पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया
बैठक में बताया गया कि जनजातीय विभाग की ओर से जनजातीय जन-जीवन पर केंद्रित एक नवीन संग्रहालय शहडोल संभाग में प्रारंभ किया जाएगा. इसके लिए उमरिया या निकट के किसी उपयुक्त स्थल का चयन किया जाएगा. वर्तमान में विभाग का इस तरह का संग्रहालय छिंदवाड़ा में संचालित है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग की कल्याण की योजनाओं के स्वरूप में यदि कहीं परिवर्तन की आवश्यकता है तो अध्ययन कर ऐसे परिवर्तन अवश्य किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में पीसा एक्ट के क्रियान्वयन का अध्ययन कर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा. जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आवश्यकतानुसार छात्रावास भी प्रारंभ किए जाएंगे.
यह भी पढ़ें : शाही ईदगाह मस्जिद हटाने को लेकर मथुरा कोर्ट में नई याचिका
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरह किया जाए कि इस वर्ग के लोगों की जिंदगी बदले. जनजातीय वर्ग के लोगों की संपत्ति पर किसी अन्य के कब्जे नहीं होने दिए जाएंगे. वनाधिकार पट्टे देने के कार्य में पात्र व्यक्ति को वंचित नहीं करेंगे.
यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश निरस्त
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि नए कब्जे न हों. दिसम्बर 2006 के पूर्व के कब्जाधारियों को वनाधिकार के पट्टे दिए जाएं. जनजातीय वर्ग की युवतियों से विवाह कर उनकी भूमि पर कब्जा करने की मंशा रखने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
Source : IANS