मध्य प्रदेश में तमाम जलाशयों का प्रमुख स्रोत है नर्मदा नदी. इस भीषण गर्मी में नर्मदा नदी में पानी की कमी है. नर्मदा के तमाम घाटों में भी जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है. जबलपुर में भी नर्मदा नदी में कम होते पानी का नजारा हर एक घाट से साफ देखा जा सकता है. हालांकि जबलपुर में भीषण जल संकट के हालात तो नहीं है, लेकिन फिर भी तमाम जलाशयों में पानी की कमी लगातार हो रही है. इन आंकड़ों पर डालें नजर...
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प्रमुख जलाशयों का जलस्तर
परियट
- मौजूदा जल स्तर 1368.8 फीट है.
- एक मई को 1374 फीट था.
- अब तक 6.8 फीट कम हुआ.
- अधिकतम क्षमता 1390 फीट है.
खंदारी जलाशय
- मौजूदा जलस्तर 1438 फीट है.
- एक मई को 1441 फीट था.
- अब तक 1.5 फीट कम हुआ.
- अधिकतम क्षमता 1454 फीट है.
बरगी डैम
- मौजूदा जलस्तर 413.20 मीटर है.
- एक मई को 414.70 मीटर था.
- अब तक 1.50 मीटर कम हुआ.
- अधिकतम क्षमता 422.76 मीटर है.
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नर्मदा नदी की धार भी पतली हुई
जीवनदायिनी नर्मदा नदी की धार भी पतली हो गई है. घाटों पर चट्टानें नजर आने लगी हैं. घुघवा जलप्रपात समेत कई झरने लुप्त हो गए हैं. हिरन नदी का पानी सूख गया है. गौर और परियट नदियां भी दम तोडऩे की कगार पर हैं. परियट, खंदारी जलाशयों समेत शहर के तालाबों का जल स्तर भी तेजी से घट रहा है. इसका असर शहर के कुछ इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति पर पड़ रहा है. शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां लोगों को टैंकरों के जरिए पानी मुहैया कराया जा रहा है. वजह भी साफ है कि नगर निगम की जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन इलाकों में योजनाओं का असर नहीं हुआ.
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इधर, नगर निगम के अधिकारी जबलपुर शहर में भीषण जल संकट जैसे हालातों से साफ इनकार करते हैं. अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर शहर में इस भीषण गर्मी के सीजन में भी लोगों को दोनों टाइम पानी दिया गया है. जबलपुर के लिए अभी भी तमाम जलाशय में 60 दिनों का पानी स्टोरेज है, यदि पानी कम होता भी है तो बरगी बांध से इसकी आपूर्ति कर ली जाएगी.
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