मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में कोरेाना महामारी में जान गंवाने वालों के स्कूली शिक्षा हासिल कर रहे बच्चों के लिए सांसद सेवा संकल्प योजना शुरू की गई है. इस योजना में जिन बच्चों के अभिभावकों की मृत्यु हुई है उनकी फीस माफ की जाएगी. क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी ने योजना के संदर्भ में बताया, 'यह योजना कोरोना मृत हुए अभिभावकों के बच्चों की स्कूली शिक्षा को निरंतर बनाये रखने तथा बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये शुरू की गई है. सभी का दायित्व है कि ऐसे वक्त में जब बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है, हम उनके अभिभावक बनकर मदद करें.'
सीबीएसई से फीस माफी का आग्रह
उन्होंने सीबीएसई सहित सभी पाठ्यक्रमों के स्कूल संचालकों से आग्रह किया कि वे अपने यहां ऐसे सभी बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करें. इस संबंध में सासंद ने सभी स्कूलों को पत्र लिखकर इस संबंध में आग्रह किया गया है. साथ ही वेबसाइट बनाकर ऐसे बच्चों की सूची आवेदन मंगाकर तैयार की जा रही है. सांसद लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से बुधवार को चर्चा की. बैठक में अधिकांश स्कूलों ने कोरोना से मृत अभिभावकों के बच्चों की शत-प्रतिशत फीस माफ करने की सहमति प्रदान की.
यह भी पढ़ेंः LIVE: शिक्षा का डिजिटल होना आज समय की मांग है- प्रधानमंत्री मोदी
बैठक में ये हुए शामिल
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इंदौर की गौरवशाली परम्परा रही है कि संकट के वक्त सभी मिलजुल कर जरूरतमंदों की मदद करते है. इसी परम्परा को जरूरतमंद बच्चों की फीस माफ कर आगे बढ़ाया जाये. इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो और अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिले यह सुनिश्चित किया जाये. बैठक में मिशनरी, विभिन्न ट्रस्ट और संस्थाओं आदि द्वारा संचालित सीबीएसई के स्कूलों, अन्य पाठयक्रमों के स्कूलों के संचालकों ने फीस माफ करने पर सहमति दी है और भरोसा दिलया है कि वे ऐसे बच्चों की हर संभव मदद करेंगे, जिनके अभिभावकों की कोरोना के चलते मौत हुई है.
HIGHLIGHTS
- कोरोना प्रभावित बच्चों के लिए सांसद सेवा संकल्प योजना शुरू
- जिन बच्चों के अभिभावकों की मृत्यु हुई उनकी फीस माफ होगी
- अधिकांश स्कूलों ने शत-प्रतिशत फीस माफ करने पर सहमति दी