मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में बिजली चोरी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए कवायद कर रही है. बावजूद इसके बिजली वितरण कंपनी बिजली चोरों को रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही है. ऐसे में लगातार बिजली थाने की मांग की जाती रही है. इसके तहत प्रदेश के हर जिले में बिजली थाने खोले जाने की कवायद की जा रही है. राज्य शासन स्तर पर प्रक्रिया की जा रही है. इसके बाद प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को जल्द ही बिजली थानों की सुविधा मिल सकती है.
शासन स्तर पर चल रहे मंथन को हरी झंडी मिलते ही बिजली थाने अस्तित्व में आ सकेंगे. फिलहाल बिजली चोरी के मामलों में विद्युत वितरण कंपनियों को स्थानीय पुलिस की मदद लेना पड़ रही है. इसके लिए लगातार पत्र भी जारी करने होते हैं. पत्र देने के बाद भी कई बार पुलिस उपलब्ध नहीं हो पाती. साथ ही खेतों में केबल चोरी के मामले भी सामने आते रहते हैं. इस कारण बिजली कंपनियों द्वारा बिजली थाने बनाए जाने की मांग लगातार की जा रही थी.
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ऊर्जा विभाग में इसकी फाइल भी चल रही है. अब इसे राज्य शासन को अनुमति के लिए भेजा जाना बताया जा रहा है. इस पर अमल के लिए गृह विभाग को भी शामिल किया गया है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर पर प्रयास चलने की बात सामने आई है. बिजली थाने अस्तित्व में आने से बिजली कंपनी को बिजली और केबल चोरी रोकने में काफी सहायता मिलेगी. अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली बिजली चोरी को भी इससे रोका जा सकेगा.
कैसा होगा बिजली थाने का स्वरूप
बिजली थाने बनने पर हर थाने में दो उप निरीक्षक, 4 सहायक उप निरीक्षक, 8 प्रधान आरक्षक, 16 आरक्षक होंगे. इनमें 14 पुरुष और दो महिला आरक्षक शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त 30 जवानों को थाना कार्यालय में कार्य करने के लिए पदस्थ किया जाएगा. इसी तरह उप निरीक्षक सहायक श्रेणी- 2 का एक पद, सहायक उप निरीक्षक डेटा ऑपरेटर का एक पद और सहायक उप निरीक्षक सहायक श्रेणी- 3 का भी एक पद रहेगा. अब देखना होगा कि मध्य प्रदेश सरकार की ये कवायद क्या रंग लाती है.
Source : News State