इंदौर चटोरो का शहर जितना स्वच्छ है, उतना ही खानपान के लिए मशहूर भी है.खास तौर पर इंदौर का सराफा मार्केट जो रात में खानपीने के लिऐ खुलता होता है. ये इंदौर की विरासत है. करीब 100 साल पुराना मार्केट है. खाने पीने के लिए देश-विदेश में मशहूर है. टूरिज्म के लिहाज से भी बड़ा मार्केट है, सराफा की रात खानपान के लिए पहचानी जाती है. अलग-अलग राज्यों विदेशों से लोग यहां खाने पीने के लिए पहुंचते हैं, यहां के स्वाद की बात कुछ और है. यहां मालवा निमाड़ का देशी तड़का हैं. साथ ही सोने का बर्क लगी कुल्फी आपने खा ली तो चाटते ही रह जाएंगे.
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इंदौर के सराफा बाजार में भुट्टे का किस गुलाब जामुन रबड़ी तवा पुलाव तवा पराठा और यहां की कुल्फी फालूदा सबसे ज्यादा फेमस है. हालांकि खाने की स्टॉल 200 से ज्यादा इस पूरे बाजार में लगती है. हर प्रकार की वैरायटी आपको मिलेगी. जूस से लेकर पान तक यहां उपलब्ध है. रात 10:00 बजे से मानो खान-पान की एक अलग ही दुनिया शुरू हो जाती है जो रात 3:00 बजे तक चलती है. आइए हम आपको सराफा से एक ऐसी स्टोरी बताते हैं जिसे देखकर सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे..
2 किलो सोना पहनकर बनाता है कुल्फी
कुल्फी फालूदा आइसक्रीम बेचने वाले एक शख्स है.जो लगभग 2 किलो सोना पहनकर ठेले पर कुल्फी बेचते हैं. सराफा घूमने आए हुए लोग उनके साथ सेल्फी लेते हैं और यकीन कीजिए ठेले पर खड़े व्यक्ति को इतना सोना पहने देख कुछ पल खड़े हो जाते हैं. उनके वीडियो बनाते हैं, अब इंदौर के लोगों ने इन्हे गोल्डन मैन का नाम दे दिया हैं.. गोल्डन मैन के मन में सोना पहनते पहनते विचार आया क्यों ना अब गोल्डन वर्क की कुल्फी बनाई जाए.
गोल्ड वर्क वाली कुल्फी.नहीं सुना होगा आपने. लेकिन अब इंदौर में आइसक्रीम के शौकीनों को जल्द गोल्ड वर्क वाली कुल्फी का जायका मिलेगा. सराफा बाजार में कुल्फी, फालुदा बेचने वाले गोल्डन मैन बंटी यादव ने इसका ट्रायल शुरू कर दिया है. बंटी 2 किलो सोने के आभूषण पहनकर कुल्फी दुकान पर आते हैं, इसलिए उन्हें गोल्डमैन कहा जाता है. इसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए होती है. इंदौर का सराफा बाजार घूमने आने वाले फॉरेन के लोग भी उनकी कुल्फी के दीवाने हैं.
दिवाली के बाद मिलेगी गोल्ड वर्क कुल्फी
सराफा बाजार की नाइट चौपाटी पर बंटी यादव रात को दुकान लगाते हैं और देर रात तक कुल्फी, फालुदा बेचते हैं. कुल्फी की इतनी वैरायटी है कि हैरान रह जाएंगे. वे बताते हैं कि मुझे इतना गोल्ड पहने हुए देख कई बार लोगों ने कहा कि गोल्ड वर्क की कुल्फी क्यों नहीं बनाते. बस तभी सोच लिया था कि गोल्ड वर्क वाली कुल्फी बनाना है. हमने इसकी प्लानिंग की और अब ट्रायल कर रहे हैं. उम्मीद है कि दिवाली के बाद लोगों को गोल्ड वर्क की कुल्फी चखाऊंगा.
तीसरी पीढ़ी चला रही है यह कुल्फी दुकान
बंटी यादव ने बताया कि वर्तमान में तीसरी पीढ़ी ये व्यापार संभाल रही है.दादा जी किशोर लाल यादव ने 1965 में इस दुकान की शुरुआत की थी. इसके बाद पिता रमेशचंद्र यादव ने ये दुकान संभाली. साल 2000 से वे इस दुकान को संभाल रहे हैं.उनका कहना है कि सोना पहनने का शौक मुझे ही है. पिता और दादा जी को तो बस कुल्फी बेचना पसंद था.
दुकान में 50 रु. से 110 रु. तक की कुल्फी
शुरुआत में सिर्फ केसर पिस्ता कुल्फी बनाते थे. बिजनेस बढ़ा तो पान, मलाई, जामुन, काजू केवड़ा, काजू गुलकंद, चॉकलेट, शुगर फ्री, मेंगो, सीताफल की कुल्फी भी बनाने लगे.पान कुल्फी को पान के पत्तों से तैयार किया जाता है. कुल्फी के अलावा यहां फालुदा भी है. कीमत की बात करें तो ये कुल्फियां 50 रुपए (पर पीस) से लेकर शाही फालुदा 110 रुपए (पर प्लेट) तक मिलता है. इंदौर से मिथलेश गुप्ता की रिपोर्ट
HIGHLIGHTS
- कुल्फी बनाने वाला 2 किलो सोना पहनकर बनाता है कुल्फी
- इंदौर खाने-पीने के माममे में है अव्वल, विदेशों से भी लोग आकर खाने का लेते हैं लुत्फ
Source : News Nation Bureau