मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने राज्य से गायब होने वाली बेटियों की संख्या पर चिंता जताई है. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य से बालकों के मुकाबले दोगुना बालिकाएं गायब होती हैं. मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने मंत्रालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में गायब हुई बालिकाओं के संबंध में कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में बालिकाओं की बरामदगी संख्या बढ़ाए. गत कुछ महीने में महिला अपराधों में आई कमी के लिए पुलिस को बधाई दी. उल्लेखनीय है कि गत आठ महीने में महिलाओं के विरुद्ध अपराध आधे हुए हैं.
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मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने बैठक में कहा कि, बेटियों के गायब होने के मामले में गंभीर कार्रवाई की आवश्यकता है. बेटियों का गायब होना चिंता का विषय है. गुम हुई बेटियों को लाना, प्राथमिकता हो. मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा सिस्टम बनाएं कि जिले से कार्य, रोजगार आदि के लिए बाहर जाने वाली बेटी का पूरा रिकार्ड हो, जिससे वे शिकायत कर सकें. तभी इसे रोक पाएंगे. ऐसी व्यवस्था हो कि कार्य के लिए जिले से बाहर जाने पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो.
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मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Shivraj ) ने कहा कि गायब बच्चों में बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या दोगुनी होने से स्पष्ट संकेत है कि बेटियों का गायब होना सामान्य नहीं है. पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने बताया कि, बालिकाओं या युवतियों के गायब होने के पीछे के नगरीय क्षेत्रों के प्रमुख कारणों में उनका बिना बताये घर से जाना या नाराज होकर भागना और बिना बताए प्रेमी के साथ भागना शामिल है. ग्रामीण क्षेत्र से मजदूरी के नाम पर पलायन होता है. इसमें श्रम विभाग की कार्रवाई की आवश्यक होगी. इसका रिकार्ड रखा जाये कि कांट्रैक्टर उन्हें कहां और किस कार्य से ले जा रहे हैं.
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मुख्यमंत्री ने विभिन्न तरह की हेल्पलाइन को एक करने के लिए भी प्रस्ताव बनाने को कहा. अभी प्रदेश में उमंग एप और हेल्पलाइन 1090 है. भारत सरकार का हेल्प लाइन नंबर 1098 है. बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय मकरंद देउस्कर, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
Source : IANS