मध्य प्रदेश में गरीब बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाले पोषण आहार वितरण के टेक होम राशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रदेश की निजी फर्मों ने जिन ट्रकों से पोषण आहार बंटना बताया है। जब जांच की गयी तो यह मोटर साइकिल, स्कूटर, कार और ऑटो के नंबर निकले हैं। यह फर्जीवाड़ा एकाउंटेट जनरल द्वारा आडिट के दौरान पकड़ा है। इस मामले में सीएजी ने रिपोर्ट सरकार केा भेजकर जबाव मांगा है। न्यूज नेशन के पास सीएजी की 36 पेज की पूरी रिपोर्ट मौजूद है। फर्जी तरीके से बांटे गये पोषण आहार के बदले 7 करेाड़ का भुगतान भी कर दिया गया। इन फर्जी ट्रकों में करीब 1100 मीट्रिक टन पोषण आहार बांटना बताया गया। इस मामले की जांच परिवहन विभाग की वेबसाइट से की गयी। जिन राज्यों के ट्रक थे जब उनके नंबरों की जांच की गयी तो वे तो अन्य वाहनों के नंबर निकले।
नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों का कहना है कि यह अंतरिम रिपोर्ट है। मामले की जांच की जा रही है जिसके बाद ही विस्तार से बताया जा सकता है। 8 जिलों में 62 करेाड़ के पोषण आहार के गायब होने की बात भी रिपोर्ट में लिखी गयी है। रिपोर्ट के अनुसार कागजों में करीब 97 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार स्टाक में बताया गया जबकि 87 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार ही बांटा गया। जांच में 10 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार गायब मिला। भोपाल, छिंदवाड़ा, धार, झाबुआ, रीवा, सागर, सतना और शिवपुरी में यह गड़बड़ी पायी गयी। 238 करोड़ का पोषण आहार घटिया क्वालिटी का भी बांटा गया।
कांग्रेस ने इस मामले पर सरकार केा आड़े हाथों लेना प्रारंभ कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा है कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ महाराज सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश में सरकार भ्रष्टाचार के रोज नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सांसद जयराम रमेश ने भी इस मामले में एमपी सरकार पर निशाना साधा है। रमेश ने कहा है कि व्यापम के दाग धुले भी नहीं है कि गरीब बच्चों और महिलाओं के हिस्से के पोषण आहार में घोटाला कर दिया गया।
Source : Nitendra Sharma