ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को लेकर चल रही राजनीतिक तकरार में एडवोकेट जनरल की राय से और गर्माहट आ गई है. एडवोकेट जनरल ने राय दी है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक केवल नीट की परीक्षा और एमपीपीएससी द्वारा की जा रही मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती पर लगी है. इसके अलावा सभी विभाग नियुक्तियों और एडमिशन में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दे सकते हैं. एडवोकेट जनरल की इस राय के आधार पर प्रदेश में सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की तैयारी कर रही है. विभागों को अपने स्तर पर नियुक्तियों और एडमिशन में आरक्षण दिए जाने को कहा जाने वाला है.
भाजपा को उपचुनाव में लाभ मिलेगा
भाजपा को उपचुनावों में इस निर्णय का लाभ मिले इस कारण इसे किया जा रहा है. इसके लिए हाईकोर्ट में कैविएट भी लगायी जा रही है, जिससे अन्य विभागों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर कोई न्यायालय गया, तो सरकार का पक्ष जाने बिना कोर्ट निर्णय न करे. सरकार इसे ओबीसी वर्ग के पक्ष में की जा रही पहल बता रही है. गौरतलब है कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय कांग्रेस ने 2019 में लोकसभा चुनावों के पहले किया था. हाईकोर्ट ने नीट परीक्षा को लेकर इस निर्णय के खिलाफ लगाई गई अपील पर स्टे दे दिया था. इसके बाद पिछले दो साल से किसी नियुक्ति और एडमिशन में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया था. दो साल से इस निर्णय को न करने पर ओबीसी नेता इसे धोखा बता रहे हैं.
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हाई कोर्ट करेगी 1 सितंबर को सुनवाई
अब एडवोकेट जनरल की राय के बाद भी ओबीसी वर्ग को बढ़े हुये आरक्षण का लाभ दिया जाना आसान नहीं है. मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने से यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगायी गयी 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को पार कर जायेगा. ऐसे में हाईकोर्ट अन्य विभागों में आरक्षण दिए जाने पर भी रोक लगा सकता है. ओबीसी आरक्षण केा लेकर एक सितंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में कोर्ट का निर्णय भी आ जाएगा. ऐसे हालातों में सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी यह तय है. इससे पहले ओबीसी वर्ग को खुश करने वकीलों की सलाह के बाद यह फार्मूला तय किया जा रहा है, जो कितना कारगर होगा यह तो समय ही बताएगा.
HIGHLIGHTS
- एडवोकेट जनरल की राय से गर्माएगी राजनीति
- 1 सितंबर को हाईकोर्ट करेगा मामले पर सुनवाई
- इतना तय कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेगा मसला