मध्य प्रदेश में एक ही डिस्पोजेबल सिरिंज से 35 बच्चों को टीका लगाने का मामला सामने आया है. जबकि डिस्पोजेबल सीरिंज का मतलब होता है एक बार इस्तेमाल करने के बाद उसका दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद सागर में जैन पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में एक वैक्सीनेटर ने 35 स्कूली बच्चों को एक ही सिरिंज से टीका लगा दिया. इस बारा में जब वैक्सीनेटर से पूछा गया तो उसने कहा कि इस में मेरा क्या कसूर है. मुझे अफसरों ने जो कहा, हमने वही किया है.
मध्य प्रदेश के सागर स्थित जैन पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में 35 स्कूली बच्चों को एक ही सिरिंज से टीका लगाने वाले वाले वैक्सीनेटर ने इसके लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है. जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको मालूम है कि एक डिस्पोजेबल सिरिंज का इस्तेमाल एक से ज्यादा लोगों को नहीं करना चाहिए तो उसने मीडिया को बताया कि हां मुजे मालूम है. इसके साथ ही अपनी हरकत का बचाव करते हुए कहा कि इसमें मेरा क्या कसूर है, मुझे अफसरों ने जो कहा हमने वहीं किया है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें केवल एक डिस्पोजेबल सिरिंज दी गई थी और छात्रों को टीका लगाने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने लगभग 35 बच्चों को एक सीरिंज से टीका लगाने की बात स्वीकार की है.
ये भी पढ़ेंः 'राष्ट्रपत्नी' विवाद पर अधीर चौधरी की सफाईः बोले-मैं बंगाली हूं, हिंदी अच्छी नहीं होने से गलती हो गई
वैक्सीनेटर ने मीडिया को बताया कि "जिस व्यक्ति ने सामग्री वितरित की, उसने मुझे केवल एक सिरिंज दी," उन्होंने बताया कि जब मैंने उनसे पूछा कि क्या मुझे सिर्फ एक सीरिंज का इस्तेमाल करना है तो उन्होंने हां कहा. इसलिए मैं कैसे दोषी हूं? मैंने वही किया जो मुझसे करने को कहा गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पता है कि एक सिरिंज का इस्तेमाल कई लोगों को इंजेक्शन लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, “मुझे यह पता है. इसीलिए मैंने वैक्सीन लगाने के लिए निकलने से पहले वितरण करने वाले से पूछा था कि क्या मुझे एक ही सीरिंज से टारगेट पूरा करना है तो उन्होंने हां में जवाब देकर मुझे वैक्सीन लगाने के लिए भेज दिया. गौरतलब है कि इस घटना में सिंगल यूज सिरिंज के प्रोटोकॉल का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया गया है.
Source : News Nation Bureau