गीता का असली नाम राधा वाघमारे हैं. 22 साल पहले गीता अपने परिवार से बिछड़ गई थी और गलती से पाकिस्तान पहुंच गई थी. इस दौरान पाकिस्तान की ईदी फाउंडेशन ने उसकी परवरिश की. इसके बाद भारत सरकार से संपर्क कर गीता को भारत के हवाले किया गया था. गीता मूक बधिर है, लिहाजा वह अपने परिवार के बारे में कुछ बता नहीं पा रही थी. अब 6 साल बाद आखिरकार गीता को उसका परिवार मिल गया है. जिसके बाद जीआरपी पुलिस का गीता ने ह्रदय से आभार किया . आईजी जीआरपी की माने तो गलती से गीता पाकिस्तान चली गई थी. साइन लैंग्वेज से बड़ी मुश्किलों के बाद गीता के परिवार का पता चल पाया. अब वह खुश हैं और अपने परिवार के साथ हैं. महाराष्ट्र के परभणी नयागांव मैं उसका परिवार मिल गया है. जीआरपी में गीता की मां मीना और उसकी बड़ी बहन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसके बाद गीता ने कई बातों को सबके सामने रखा. यह बात भी सामने निकल कर आई है कि गीता को हनुमान जी ने मिलाया है, क्योंकि गीता ने विदिशा के हनुमान मंदिर में अर्जी लगाई थी.
विदिशा के हनुमान मंदिर में मांगी थी मन्नत
दरअसल, भारत आने के बाद गीता अपने परिवार की तलाश में जुटी हुई थी. जिसके लिए उसने भगवान से भी मिन्नते मांगी थी. विदिशा स्थित हनुमान मंदिर में गीता ने अपने परिवार से मिलने की अर्जी लगाई थी. इसके बाद आखिरकार गीता को उसका बिछड़ा हुआ परिवार मिल गया है. गीता की मॉ का नाम मीना वाघमारे है और वो महाराष्ट्र के परभणी स्थित नयागांव की निवासी है. गीता के द्वारा साइन लैंग्वेज में बताने के बाद उसके परिवार से उनका मिलन हो पाया. इसके लिए प्रशासन को कई प्रयास भी करने पड़े.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज से मिलना चाहती है गीता
अपने परिवार से मिलने के बाद अब गीता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उनका धन्यवाद करना चाहती है. जिस तरह से भारत सरकार ने गीता को पाकिस्तान से भारत लाने और उसके परिवार तक उसे पहुंचाने का प्रयास किया है. इसके लिए गीता अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद उसने मिलकर करना चाहती है. साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिलकर मध्य प्रदेश जीआरपी पुलिस की प्रशंसा करना चाहती है. गीता का कहना है कि जीआरपी पुलिस ने जो मेहनत की है. वाकई में वो काबिले तारीफ है. ऐसे में जीआरपी पुलिस को सरकार की तरफ से इनाम मिलना चाहिए.
परिवार से मिलने के बाद उत्साहित है गीता
अपनी मॉ और बहन से मिलने के बाद गीता काफी उत्साहित है. क्योंकि जिस मॉ से दूर रहकर वो भगवान से ये कामना करती थी कि उसे जल्द ही अपना परिवार मिल जाए, वो आखिर कर उसे मिल गया है. अब वह काफी खुश है और अपने परिवार के साथ हर पल बिताने के लिए तैयार है.
22 साल बाद खुला गीता के राधा होने का राज
पाकिस्तान से भारत आई गीता को जो नाम दिया गया था, वो काल्पनिक था, क्योंकि किसी को भी नहीं पता था कि आखिरकार गीता का परिवार कहा है और उसका सही नाम क्या है. लेकिन अब उसके नाम का खुलासा हो गया है. गीता का सही नाम राधा वाघमारे है. गीता को ये नाम बचपन में उसकी मॉ ने दिया था. जब परिवार से गीता का मिलाप हुआ तब ये पता चला कि गीता का सही नाम राधा है. गीता ने साइन लैंग्वेज में बताया कि उसका नाम भगवान श्री कृष्ण से रिलेटेड है. उसका नाम राधा था, लेकिन लोग उसे गीता के नाम से पुकारने लगे. लेकिन, अब गीता राधा के नाम से जानी जाएगी.
पाकिस्तान में जिद कर बनवाया था गीता ने मंदिर, नॉनवेज से थी दूर
गीता ने बताया कि वो शुरू से ही भक्ति भावना से जुड़ी हुई थी. जब वो पाकिस्तान में भी थीं तब भी हमेशा पूजा-पाठ किया करती थी. इसलिए उसने जिद कर पाकिस्तान में भी भगवान का मंदिर बनवाया था. इसके अलावा गीता ने ये भी बताया कि कराची में सभी नॉनवेज खाते थे, जो उसे शुरू से ही पसंद नही है.
मूक बधिरों की टीचर बनना चाहती है गीता
गीता का सपना है कि वो अपने ही जैसे मूक बधिर बच्चों को शिक्षा दे सके. इसके लिए गीता मूक बधिर बच्चों की टीचर बनना चाहती है. उसने सरकार से ये भी मांग रखी है. जाहिर सी बात है कि मूक बधिर बच्चों की टीचर बनने के बाद गीता उसके ही जैसे न जाने कितने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकती है.
जीआरपी पुलिस का जताया आभार
गीता को उसके परिवार से मिलाने के लिए जिस तरह से जीआरपी पुलिस ने प्रयास किया, उसके लिए उसने दिल से जीआरपी का धन्यवाद दिया. गीता का कहना है कि मध्यप्रदेश की जीआरपी पुलिस की कड़ी मेहनत के चलते ही आज वह अपने परिवार से मिल पाई है.
Source : Jitendra Sharma