मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है, वह इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश में बाघो की संख्या काफी ज्यादा है.मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की बात करें तो भोपाल में भी बाघो की दहाड़ लोगों को आए दिन सुनाई दे रही है, क्योंकि भोपाल के आसपास करीब एक दर्जन से ज्यादा बाघ आज भी घूम रहे हैं. जिससे कहीं ना कहीं अब लोगों में दहशत है. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में बाघो का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है, और यही वजह है कि बढ़ते कुनबे के साथ ही मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के अवार्ड से भी नवाजा गया है. लेकिन अब कहीं ना कहीं बाघों की संख्या में इजाफा लोगों के साथ-साथ खुद बाघों के लिए भी मुसीबत बनती जा रही है.
भोपाल की बात करें तो भोपाल के आसपास करीब एक दर्जन से ज्यादा बाघ पाए गए हैं.जिसके बाद वन विभाग भी हरकत में आया है, और लगातार बाघो को इंसानी बस्तियों से दूर करने में लगा हुआ है. इतना ही नहीं बाघ अब जंगल तक सीमित नहीं रहे हैं, भोपाल के उन इलाकों में भी चहल कर्मी कर रहे हैं, जहां पर लोगों की बसाहट है.और इसलिए अब भोपाल के पास के वह इलाके जहां पर लोग रहते हैं, या फिर पर्यटक आते हैं.उन सड़कों पर भी बोर्ड लगा दिए गए हैं, कि आप सतर्क रहें.
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आइए अब आपको उन इलाकों में लेकर चलते हैं, जहां पर अक्सर बाघ देखे जा रहे हैं, उन्हीं में से एक इलाका है भोपाल का केरवा डैम. जहां अक्सर लोगों की भीड़ लगी रहती है.और झरनों को देखने के लिए लोग जंगल के रास्ते कई दूर तक निकल जाते हैं, जो उनके लिए खतरनाक हो सकते हैं. भोपाल से महज कुछ ही दूरी पर बने इन इलाकों में बाघो का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है, बाघ जहां पर ट्रेस किए गए हैं उनमें भोपाल के बाल्मी और मौलाना आजाद इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट में भी बाघ ने अपनी दस्तक दी है. केरवा डैम कलियासोत और अलग-अलग इलाकों में भी शेर देखा गया. हमारी टीम भी उन इलाकों में पहुंची जहां पर अक्सर शेर को देखा जाता है.
राजधानी भोपाल के आसपास ऐसे कई ग्रामीण इलाके हैं, जहां पर बाघ की आहट लोगों को अक्सर नजर आती है.इन्हीं में से एक है मेंडोरी गांव.इस गांव के लोग भी कई बार शेर को देख चुके हैं.बाघ गांव में पहले कई बार आ चुका है ,जिसके बाद वन विभाग ने जंगल के इलाके को बड़ी-बड़ी जाली लगाकर कवर किया है, ताकि ना तो लोगों के लिए शेर नुकसानदायक बने और ना ही लोग उसके लिए. बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ,ऐसे में लोग यह कहते हैं कि बाग उनके घर तक पहुंच गया है.जबकि वह यह नहीं जानते हैं कि जहां तक लोगों ने अपना घर बना लिया है ,वह कभी बाघों का इलाका हुआ करता था ,और ऐसे में बाघ अपने इलाके में कभी ना कभी आ ही जाता है.और शायद यही वजह है कि वन अमले को जहां बाघों की चिंता लोगों से सता रही है, तो वहीं कई लोगों को बाघ के आने से डर लग रहा है.
HIGHLIGHTS
- मध्यप्रदेश को है टाइगर स्टेट का दर्ज प्राप्त
- अब लोगों के लिए मुशीबत बनता जा रहा है बाघों की संख्या में इजाफा
Source : Jitendra Sharma