प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के प्रवास पर आ रहे हैं. वे यहां की धार्मिक नगरी उज्जैन के महाकाल परिसर में नवनिर्मित महाकाल लोक राष्ट को समर्पित करेंगे. आधिकारिक तौर पर उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी भारतीय वायुसेना के विमान से दोपहर तीन बजकर 35 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से रवाना होकर सायं साढ़े चार बजे इंदौर एयरपोर्ट और वहां से सायंकाल पांच बजे उज्जैन हेलीपेड पहुंचेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी सायंकाल पांच बजकर 25 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर आगमन के बाद महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे. प्रधानमंत्री सायंकाल छह बजकर 25 से सात बजकर पांच मिनट तक श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित कर कार्तिक मेला ग्राउण्ड में जन-समारोह में शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री मोदी रात्रि साढ़े आठ बजे उज्जैन हेलीपेड से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और रात्रि नौ बजे इंदौर एयरपोर्ट से भारतीय वायुसेना के विमान से दिल्ली के लिये प्रस्थान करेंगे.
श्री महाकाल लोक क्षेत्र विकास परियोजना की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपए है. योजना के प्रथम चरण में 350 करोड़ रुपए की लागत से भगवान श्री महाकालेश्वर के आंगन में छोटे और बड़े रूद्रसागर, हरसिद्ध मंदिर, चार धाम मंदिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है. जिसमें महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डैक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स और गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य शामिल है.
महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिए उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया गया है. इसमें 25 फीट ऊंची एवं 500 मीटर लम्बी म्युरल वॉल बनाई गई है. साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित, निर्मित हो चुके हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रहे हैं. इन स्तंभों में भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप को दर्शाया गया है.
महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव को दर्शाने वाली धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं. पथ के साथ दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं. लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया और ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं. बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है.
दूसरे चरण के कार्य वर्ष 2023-24 में पूर्ण होंगे. इस चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जायेगा. जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हेरिटेज के रूप में पुनर्पयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश और इस परिसर का महाकाल मंदिर परिसर से एकीकरण किया जायेगा.
प्रथम चरण के कार्यों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पण करने के बाद इसे आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया जायेगा. प्रथम चरण के कार्यों के खुलते ही हरि फाटक ब्रिज की चौथी भुजा से आकर श्रद्धालु जैसे ही त्रिवेणी संग्रहालय पहुंचेंगे, उन्हें बाबा श्री महाकाल के अलौकिक दर्शन होंगे. तीर्थ-यात्रियों को विश्वस्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी. मंदिर आने वाले तीर्थ-यात्रियों के अनुभव स्मरणीय रहेंगे.
Source : IANS