महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर के विस्तार परियोजना का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन जा सकते हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान आमंत्रित किया. सीएम चौहान के मुताबिक पीएम मोदी ने महाकाल मंदिर उज्जैन आने के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह उज्जैन के महाकाल मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी तेज गति से पूरा किया जाएगा. महाकाल मंदिर विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार की कोशिश है कि महाशिवरात्रि के त्योहार से पहले महाकाल मंदिर के विस्तार कार्य के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया जाए. महाशिवरात्रि के अवसर पर 1 मार्च को सरकारी छुट्टी होने के चलते महाकाल मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन 28 फरवरी को किए जाने की पूरी संभावना है. वहीं उत्तर प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों में जारी चुनाव में पीएम मोदी की व्यस्तता को देखते हुए औपचारिक तौर पर उनका कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ है. अगर पीएम मोदी का समय अभी नहीं मिला तो फिर कार्यक्रम अप्रैल में किया जा सकता है.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा परिसर
महाकाल मंदिर विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण में महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रूद्रसागर तट का विकास शामिल किया गया है. इस प्रोजेक्ट से दो तरह के बड़े बदलाव सामने आएंगे. महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए दर्शन करने में आसानी होगी और दर्शन के साथ लोग यहां धार्मिक पर्यटन या तीर्थाटन भी कर पाएंगे. महाकाल मंदिर परिसर में घूमने, ठहरने, आराम करने से जुड़ी तमाम सुविधाएं मौजूद होंगी. महाकाल मंदिर का मौजूदा परिसर दो हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसे दस गुना बढ़ाकर 20 हेक्टेयर का किया जाने वाला है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद महाकाल मंदिर कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित पांच हेक्टेयर में फैले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी चार गुना बड़ा हो जाएगा.
हर घंटे एक लाख श्रद्धालु करेंगे महाकाल के दर्शन
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद महाकाल मंदिर कॉरिडोर प्रोजेक्ट से जुड़े विकास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. उनको दिए गए फीडबैक के मुताबिक दो चरणों में होने वाले प्रोजक्ट के पहले चरण का काम महाशिवरात्रि तक पूरा होने वाला है. दूसरा चरण अगले साल यानी मई-जून, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद हर घंटे बिना रुकावट के एक लाख श्रद्धालु महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे. प्राचीन नगरी अवंतिका यानी उज्जैन में महाकाल मंदिर विस्तार प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद कोई भी श्रद्धालु कितनी भी भीड़ होने के बावजूद 30 से 45 मिनट में महाकाल दर्शन कर लेगा.
ये भी पढ़ें - उज्जैन में महाकाल की आरती में शामिल हुए आरिफ मोहम्मद खान, देश के कल्याण और प्रगति की प्रार्थना
714 करोड़ में केंद्र-राज्य और प्रबंधन की भागीदारी
महाकाल मंदिर परिसर के विस्तार के लिए कुल 714 करोड़ रुपये की परियोजना का पहला चरण पूरा होने वाला है. परियोजना के लिए 421 करोड़ रुपये की राशि मध्य प्रदेश सरकार खर्च कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने 271 करोड़ रुपये दिए हैं. वहीं 21 करोड़ की रकम महाकाल मंदिर प्रबंध समिति खर्च कर रही है. मंदिर परिसर में ग्रीन बेल्ट और जल संरक्षण के भी प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे. मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने महाकाल मंदिर विस्तार प्रोजेक्ट के अलावा प्राचीन उज्जैन नगर का जन्मदिवस मनाने की तैयारी करने के भी निर्देश दिए हैं.
HIGHLIGHTS
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह महाकाल मंदिर कॉरिडोर तेज गति से पूरा होगा
- सीएम शिवराज चौहान खुद महाकाल कॉरिडोर के विकास की निगरानी कर रहे हैं
- प्रोजेक्ट पूरा होने पर श्रद्धालु 30 से 45 मिनट में महाकाल का दर्शन कर सकेगा