मध्य प्रदेश में बच्चा चोर गिरोह की अफवाहों के कारण बढ़ रही मॉब लिंचिग (हिंसक भीड़) की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे अफवाहों से भरे मैसेज पर नजर रख रही है. पुलिस की ओर से खासतौर पर व्हाट्सएप और फेसबुक पर नजर रखी जा रही है. पुलिस अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने के अलावा जागरुकता लाने के प्रयास में भी जुटी है. पिछले दिनों की घटनाओं पर गौर किया जाए तो बीते 20 दिनों में भोपाल, उज्जैन, देवास, इंदौर, सागर, छतरपुर, भिंड, मुरैना सहित अन्य स्थानों पर भीड़ द्वारा बच्चा चोरी के शक में कई लोगों को पीटा गया.
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सूत्रों का कहना है कि अफवाह फैलाने वाले सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप और फेसबुक पर फेक मैसेज का सहारा ले रहे हैं. पुलिस के सामने ऐसे फेक मैसेज भी आए हैं, जिनमें गिरफ्त से छुड़ाए गए बाल मजदूरों को चोरी किए गए बच्चे बताया गया है. इतना ही नहीं कई वीभत्स तस्वीरों को भी बच्चा चोरों से जोड़कर वायरल किया गया है. सूत्रों के अनुसार, बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फेक मैसेज पर पुलिस की खास नजर है.
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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने अधिकारियों से कहा है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाए जा रहे ऐसे संदेशों पर खास नजर रखी जाए. पुलिस के मुताबिक, राज्य में बच्चा चोरी के शक में जिन लोगों को भीड़ द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, उनमें अधिकांश मानसिक रोगी या गरीब तबके से जुड़े लोग हैं. ऐसे लोगों के हालात को देखकर कुछ लोग उन्हें आसानी से बच्चा चोर बताते हुए भीड़ को उकसाने का काम करते हैं. पुलिस भीड़ को उकसाने का काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी जारी कर चुकी है.
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