मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते पांच दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई नेताओं की सुरक्षा हटा दी है. इन बीजेपी नेताओं में पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह और पूर्व मंत्री कुसुम मेहेंदले भी शामिल हैं. भूपेंद्र सिंह को Y श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, जिसे कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार ने वापस ले लिया है. इसके अलावा कुसुम मेहेंदले के पीएसओ को हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी के कई विधायक और पूर्व विधायकों के गनमैन भी हटाए जा रहे हैं. बता दें कि इससे पहले बीजेपी के दो विधायकों संजय पाठक और विश्वास सारंग की सुरक्षा भी हटा दी गई थी. दोनों ने प्रदेश सरकार द्वारा अपने निजी सुरक्षा अधिकारी को हटाये जाने के बाद अपनी जान को खतरा बताया था.
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नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने बताया कि हमने राज्यपाल से मिलकर शिकायत की है. एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को सरकार परेशान कर रही है और उन्हें धमका रही है. इसमें बीजेपी सहित कांग्रेस, दूसरे दल और निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को प्रदेश की राजनीति के ताजा हालात से अवगत कराया गया है. विधायकों की सुरक्षा की गुहार लगाई है. उन्होंने कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायकों की सुरक्षा करने में सरकार नाकाम है. भार्गव ने आरोप लगाया कि विधायकों पर सरकार के मंत्री दबाव डाल रहे हैं.
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बीजेपी विधायकों की सुरक्षा वापस लिये जाने के बाद पार्टी के पदाधिकारी ने इन विधायकों के लिये गृह मंत्री अमित शाह से केंद्रीय सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश से निर्वाचित होकर राज्यसभा जाने की नेताओं की चाहत ने राज्य की सियासत में चिंगारी भड़काने का काम किया था. राज्य के दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल, सत्ताधारी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अतिरिक्त एक सीट हासिल करने की महत्वाकांक्षा के कारण सियासी पारा चढ़ा है, वहीं कई विधायकों की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ गई है.
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