एमपी अजब है, सबसे गजब है यह बात ऐसे ही नहीं कही जाती. प्रदेश में जो भी न हो वे कम है. ऐसा ही अजीबोगरीब पत्र सामने आया है, जिसमें पावर जनरेटिंग कंपनी के अधीक्षण अभियंता ने ग्वालियर में पागल खाने के अधीक्षक को पत्र लिखा है. इस पत्र में अधीक्षक अभियंता डीके जैन ने अपने विभाग के कर्मचारियों को पागल बताते हुए इलाज की प्रक्रिया केा लेकर जानकारी मांगी है. डीके जैन ने स्वीकार किया कि उन्होंने पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि पावर प्लांट में कुछ कर्मचारी आत्महत्या की धमकी देते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि हम ईमानदार हैं काम नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मानसिक रोगी प्रतीत हो रहे हैं ऐसे में पत्र लिखकर उनके इलाज की प्रक्रिया की जानकारी मांगी है.
जैन ने अपने पत्र में लिखा है कि राजघाट जल विधुत संयंत्र में कुछ कर्मचारियों का व्यवहार असामान्य है. यह लोग मानसिक रोगी प्रतीत हो रहे हैं. विद्युत उत्पादन संयंत्र को ऐसे लोगों से क्षति हो सकती है. ऐसे में कर्मचारी को पागल खाने में भर्ती करवाने की क्या प्रक्रिया है? उन्होंने लिखा है कि ऐसे कर्मचारी अवसाद में आत्महत्या करने की बात भी कहते हैं.
जानकारी के अनुसार, जैन की संयंत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के साथ पटरी नहीं बैठ रहे हैं. कर्मचारियों ने जैन की शिकायत भी की है. अब जैन ने पागलखाने को पत्र लिखकर कर्मचारियों को पागल साबित करने की कवायत प्रारंभ कर दी है.
सूत्रों के अनुसार पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों तक भी यह मामला पहुंच गया है. इस मामले में जैन से जबाव तलब किया जा सकता है. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस प्रकार से अपने विभाग के कर्मचारियों को पागल साबित करना गलत है इस बारे में अधीक्षण अभियंता से जानकारी ली जाएगी.
Source : Nitendra Sharma