मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा की सांसद प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर अपने बयान से चर्चाओं में हैं. उनका दावा है कि वे गो मूत्र लेती हैं इसलिए उन्हें कोरोना नहीं हुआ और आगे भी कोरोना नहीं होगा. कांग्रेस ने सांसद के इस बयान पर तंज कसा है. भाजपा की सांसद राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस मौके पर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि, "देसी गाय के मूत्र का अर्क अगर हम लेते हैं, तो हमारे फेफड़ों का संक्रमण दूर होता है. मैं बहुत तकलीफ में हूं, लेकिन प्रतिदिन गो-मूत्र अर्क लेती हूं, इसलिए अभी मुझे कोरोना के लिए कोई औषधि नहीं लेनी पड़ रही है. न ही कोरोना ग्रस्त हूं क्योंकि मैं उस औषधि का उपयोग कर रही हूं."
सांसद के इस बयान को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि देश-प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के लिये भाजपा की मंत्री उषा ठाकुर व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को महती जवाबदारी देकर कोरोना पर नियंत्रण का काम तत्काल देना चाहिए. कोरोना पर नियंत्रण के इनके तरीके, तर्क, सलाह शायद इस देश-प्रदेश से कोरोना को श्राप की तरह एक झटके में समाप्त कर देंगे.
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा- वीरों की भूमि पर ताड़का का शासन हो गया
आपको बता दें कि इससे पहले सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ( Pragya singh thakur ) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. उन्होंने ममता बनर्जी को 'ताड़का' बताया था. प्रज्ञा ठाकुर ने ट्विट करते हुए लिखा, 'मुमताज लोकतंत्र,हिंदुओं बीजेपी के कार्यकर्ताओं की निर्मम,हत्या,बलात्कार हे कलंकिनी..बस्स्स् शठे शाठ्यम समाचरेत,टिट फॉर टैट करना ही होगा.राष्ट्रपति शासनऔर NRCबस यही उपाय हैं.संतोऔर वीरोंकी भूमि पर ताड़का का शासन हो गया.अबतो "राम" बनना ही होगा. जय श्री राम'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था कि असम और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की विजय यह संदेश देती है कि जनता ईमानदार है. उसने (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी नीत सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का धन्यवाद देकर आगे और विकास के लिए बीजेपी को चुना. जयतु-जयतु बीजेपी.’
इस पर बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा में बीजेपी के कम से कम 14 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई जबकि एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.
Source : IANS