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बोरवेल में गिरा प्रहलाद, कोशिशों के बावजूद हार गया जिंदगी की जंग

मासूम प्रहलाद को जब बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत अस्पाताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया. डॉक्टर ने बताया कि प्रहलाद की पहले ही मौत हो चुकी थी.

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Shailendra Kumar
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Prahlada death in borewell in Niwari

निवाड़ी में बोरवेल में गिरे प्रहलाद की मौत( Photo Credit : न्यूज नेशन )

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मध्य प्रदेश के निवाड़ी में करीब सौ घंटे बाद बोरवेल में गिरे बच्चे प्रहलाद को शनिवार देर रात निकाला गया, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गया. प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रहलाद को बोरवेल से जिंदा नहीं बचाया जा सका. मासूम प्रहलाद को जब बोरवेल से निकालने के बाद तुरंत अस्पाताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया. डॉक्टर ने बताया कि प्रहलाद की पहले ही मौत हो चुकी थी. उसे मृत अवस्था में ही अस्पताल लेकर आया गया था. उसकी मौत दम घुटने से बताई जा रही है इसके अलावा पानी के कारण भी उसकी बॉडी पर असर पड़ा है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि आखिर रात की मौत के और क्या कारण रहे हैं. 

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शनिवार को प्रहलाद को निकालने के लिए जो तिरछी (होरिजोंटल) सुरंग बनाई जा रही थी, जिसका डायरेक्शन भटक जाने की वजह से सुरंग बोर तक नहीं पहुंच पाई थी. देर रात करीब 11 बजे एनडीआरएफ की टीम ने खुदाई रोक दी थी. इसके बाद देर रात झांसी से एक्सपर्ट की टीम आई, जिन्होंने मैग्नेटिक अलाइनमेंट के जरिए सुरंग की दिशा तय की. इसके बाद दोबारा खुदाई शुरू की गई और रात तीन बजे बच्चे को निकाला गया.

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बता दें कि निवाड़ी जिले के सेतपुरा गांव में हरिकिशन का चार साल का बेटा प्रह्लाद बुधवार की सुबह खेत में खोदे गए दो सौ फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था, उसके बाद से ही बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा था. 

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एनडीआरएफ, सेना और अन्य राहत और बचाव दल ने गड्ढा खोदा और सुरंग बनाई थी. कैमरे के जरिए उसकी हर हरकत पर नजर रखी जा रही थी. इसके साथ ही मौके पर एम्बुलेंस के साथ चिकित्सकों का दल पूरी तरह तैयार किए गए थे. दरअसल, हरिकिशन ने अपने खेत में बोरवेल के लिए दो सौ फुट गहरा गड्ढा खुदवाया था. उसका बेटा प्रह्लाद खेलते समय उसी गड्ढे में गिर गया था. जिसको तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं बचाया जा सका.

Source : News Nation Bureau

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