मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन में हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर कई महिलाओं ने अपनी जिंदगी बदलने की कहानी भी सुनाई. राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम लाल परेड मैदान में महिला स्व-सहायता समूह का सम्मेलन हुआ. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मौजूद रहीं. उन्होंने महिलाओं की स्थिति में आ रहे बदलाव का जिक्र किया तो कई महिलाओं ने अपनी जिंदगी बदलने के किस्से भी सुनाए.
गुना जिले के भरतपुर की अनीता पटेलिया नाम की महिला की कहानी बड़ी रोचक है. अनीता सहयोग संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि आजीविका मिशन से जुड़ने से पहले वह अपने परिवार के साथ मिलकर मजदूरी करती थीं. आजीविका मिशन से उन्होंने कर्ज लिया और एक भैंस खरीदी, दूध बेचकर उन्होंने कर्ज चुका दिया. इसके बाद उन्होंने आटा चक्की के लिए कर्ज लिया, गांव के लोग बाहर आटा पिसाने जाते थे तो एक तरफ जहां लोगों की समस्याएं कम हुईं तो वहीं उनका भी आय का जरिया बना. उन्होंने यह कर्ज भी चुका दिया. तीसरा कर्ज उन्होंने पति के ट्रैक्टर के लिए लिया, जिससे पति को भी रोजगार मिल गया. आज उनका परिवार हर महीने 50 हजार रुपये तक कमा रहा है.
इसी तरह की कहानी शहडोल के गोहपारू की फूलवती की है, जो संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि उनके संगठन में 35 गांव आते हैं. वह 35 ग्राम संगठनों की अध्यक्ष हैं और हर महीने हर गांव में जाती हैं. इसमंे 5900 महिलाएं उनके साथ हैं. ये महिलाएं जो ठान लेते हैं, वह करके दिखाती हैं. उन्होंने जिला पंचायत का चुनाव जीता और उपाध्यक्ष बनीं. चुनाव के दौरान वह पैदल गांव-गांव में घूमीं.
आजीविका मिशन से जुड़ी बड़ी संख्या में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है और यह साफ नजर भी आने लगा है. महिलाओं की जिंदगी में बदलाव के इन किस्सों को सुनकर हर कोई रोमांचित है.
Source : IANS