एक तरफ जहां कोरोना वायरस के संक्रमण के खौफ से माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. वहीं दूसरी मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने स्कूलों को दोबारा खोलने की मांग की है. इसके साथ ही संचालकों ने उनकी मांग पूरी नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है. एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल, सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर मध्य प्रदेश समेत कई संगठनों ने बुधवार को कहा कि सरकार को 5 दिन का समय दिया जा रहा है. अगर सरकार स्कूल खोलने नहीं देती तो 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा.
संगठनों ने ये भी कहा कि अगर आंदोलन से भी सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो सभी ऑनलाइन क्लासेज बंद कर दिए जाएंगे, क्योंकि इसके अलावा उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं.
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प्राइवेट स्कूल संगठनों ने आगे कि हम आंदोलन करने पर मजबूर है क्योंकि यह शिक्षा से जुड़े तीस लाख परिवारों का सवाल है. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सभी मॉल, मंदिर, पिकनिक स्पॉट, बाजार सब खुल चुके हैं. तो सिर्फ स्कूल बंद क्यों है? क्या कोरोना सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों तक ही सीमित है? प्रदेश में 74 हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं. सरकार इन सभी स्कूलों के बच्चों के भविष्य क साथ खिलवाड़ कर रही है.
संगठनों ने शिवराज सरकार के सामने अपनी मांगे भी रखी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सभी स्कूल के स्टाफ को वेतन दें या फिर हमें बिना ब्याज 2 करोड़ रुपए का लोन दें, जिससे स्कूल स्टाफ को वेतन दिया सके. इसके साथ ही बिजली, पानी और अन्य चीजों के करों में रियायत दी जाए.
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के स्कूलों में पहली से आठवीं तक की कक्षाएं कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अगले साल 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस शैक्षणिक वर्ष में इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये कोई परीक्षा आयोजित नहीं की जायेगी और विद्यार्थियों का मूल्यांकन परियोजन कार्य के आधार पर किया जाएगा.
कोविड के चलते प्रदेश में कक्षा 01 से 08 तक की कक्षाएं 31 मार्च तक बंद रहेंगी. आगामी शैक्षणिक सत्र 01 अप्रैल 2021 से प्रारंभ होगा. कक्षा 01 से 08 तक के विद्यार्थियों का परियोजना कार्य के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा.
Source : News Nation Bureau