भोपाल (Bhopal) नगर निगम की आज हुई बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है. अब भोपाल में दो नगर निगम नहीं बनाए जाएंगे. नगर निगम की बैठक में बंटवारे का प्रस्ताव खारिज हो गया. बैठक में सदस्यों ने भोपाल में दो नगर निगम बनाने का प्रस्ताव बहुमत से रद्द कर दिया. दरअसल, भोपाल में दो नगर निगम बनाने का फैसला लेने के लिए नगर निगम परिषद की विशेष बैठक बुलाई थी. हालांकि पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी शासित नगर निगम परिषद में भोपाल में दो नगर निगम बनाने का प्रस्ताव खारिज हो सकता है. अंत में ऐसा ही हुआ. परिषद ने दो नगर निगम बनाने का प्रस्ताव बहुमत से खारिज कर दिया.
बता दें कि इस बैठक में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला है. दरअसल, नगर निगम में कांग्रेस अल्पमत में है. बैठक शुरू होते ही विपक्ष में बैठे कांग्रेस पार्षद सदन में आसंदी के सामने धरने पर बैठ गए और रघुपति राघव राजाराम गाना शुरू कर दिया.
इसके जवाब में बीजेपी ने भी गाने में ही दिया. बीजेपी की महिला पार्षदों ने गाना गाया- कांग्रेस को सद्बुद्धि दे भगवान. कांग्रेस पार्षदों ने जय-जय कमलनाथ के नारे लगाने शुरू किए तो बीजेपी सदस्यों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.
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हालांकि सारे हंगामें के बाद भोपाल में तय ये हुआ कि अब एक ही नगर निगम रहेगा. नगर निगम परिषद ने अपने इस फैसले पर मुहर भी लगा दी. भारी हंगामे के बीच सदस्यों ने भोपाल में दो नगर निगम ना बनाने का प्रस्ताव बहुमत से पास कर दिया गया. हाल ही में सरकार ने भोपाल में दो नगर निगम बनाने की घोषणा की थी. उसके बाद प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में दो नगर निगम बनाने की मांग उठ रही थी. बता दें भोपाल से सांसद साध्वी सिंह प्रज्ञा ने भी भोपाल को दो भागों में बांटने का विरोध किया था.
बता दें कि नगरीय चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश (madhya pradesh) की राजधानी भोपाल (bhopal)को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी थी. शहर में दो नगर निगम(municipal corporation) बनाने का एलान कमलनाथ सरकार ने किया था. जिला प्रशासन ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया था. इसके बादभोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटने से पहले वहां के लोगों से राय मांगी थी. इसी के तहत सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कलेक्टर तरुण पिथोड़े को पत्र लिख विभाजन पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. कलेक्टर को भेजे पत्र में सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लिखा है कि भोपाल प्रदेश की राजधानी है.
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भोपाल को दो छोटे निगमों में बनाए जाने से किसी समुदाय को लाभ दिया जाना भोपाल की जनता तथा प्रजातंत्र के खिलाफ है. इसी के साथ साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि भोपाल शहर सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. निगम के विभाजन से सांप्रदायिक सौहार्द भी बिगड़ेगा. वैमनस्यता फैलेगी.' वहीं 'केंद्र सरकार द्वारा भोपाल के विकास के लिए अलग-अलग योजनाओं में दी जाने वाली धनराशि का समुचित इस्तेमाल नहीं हो सकेगा.
HIGHLIGHTS
- अब नहीं होगा भोपाल शहर का बंटवारा.
- भोपाल को दो भागों में बांटने का प्रस्ताव नगर निगम के बैठक में हुआ खारिज.
- भोपाल में दो नगर निगम बनाने का फैसला लेने के लिए नगर निगम परिषद की विशेष बैठक बुलाई थी.