मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश और नदियों-बांध का पानी बस्तियों, घरों तक पहुंचने से बाढ़ के हालात बन गए हैं. लगभग 45 हजार लोगों को राहत और बचाव शिविरों में शरण लेना पड़ी है, सेना को भी सतर्क किया गया है. नीमच में राहत और बचाव दल ने 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है. इसके अलावा मंदसौर में बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों को छत पर शरण लेना पड़ा. आधिकारिक तौर पर रविवार को मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के 36 जिलों में बाढ़ का असर है. इन जिलों में राहत और बचाव के काम तत्काल शुरू किए गए हैं. राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) के साथ स्थानीय जिला प्रशासन को सक्रिय है. अतिवृष्टि से प्रभावित मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, भिंड, श्योपुर, नीमच, दमोह, रायसेन, और अशोकनगर जिले में प्रभावितों के लिए राहत और बचाव के कार्य युद्ध-स्तर पर शुरु किए गए है.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर वर्षा प्रभावित जिलों में जान-माल की रक्षा और बचाव के काम युद्ध-स्तर पर तेज कर दिए गए हैं. जिला प्रशासन ने चौबीसों घंटे मुस्तैद रहते हुंए आपदा से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व एवं संबंधित जिले के कलेक्टर से सतत् संपर्क रखकर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर वर्षा से प्रभावित 36 जिलों में बचाव और राहत के काम तत्काल शुरु किए गए हैं. राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) के साथ स्थानीय जिला प्रशासन को सक्रिय किया गया है. प्रभावित क्षेत्र में 255 जिला आपदा रिस्पांस सेंटर और 51 आपात ऑपरेशन सेंटर खोले गए हैं, जो 24 घंटे निरंतर काम कर रहे हैं. एसडीआरएफ के 100 और होमगार्ड के 600 प्रशिक्षित जवान बचाव कार्य में लगाये गए हैं. एनडीआरएफ के 210 तथा 15 हजार होमगार्ड और पुलिस के जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए गए हैं.
45 हजार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
राज्य-स्तर पर स्थापित आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निगरानी कर रहा है और उन्हें आवश्यक मदद उपलब्ध करवा रहा है. सेना को भी सतर्क किया गया है और जहाँ भी आवश्यकता होगी, तत्काल यह सहायता प्रभावितों की मदद के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 45 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए विशेष दल बनाये गए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में उनके अस्थायी कैंप लगाए गए हैं. राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 150 राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाया गया है. बाढ़ प्रभावित जिलों को 100 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है ताकि प्रभावितों के रहने, खाने तथा अन्य नुकसान की भरपाई की जा सके. आपदा और बचाव कार्य पर 325 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. राज्य सरकार ने भारी बारिश के कारण हुंए नुकसान के लिए भारत सरकार से तत्काल प्रारम्भिक आंकलन के लिए अध्ययन दल भेजने को कहा है. राज्य सरकार के आग्रह पर केन्द्र से इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंटर टीम शीघ्र भेजने का आश्वासन मिला है.
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बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव के कार्य युद्ध-स्तर पर शुरू
मंदसौरः मंदसौर में बाढ़ के कारण 12 हजार 800 लोग प्रभावित हुंए हैं. इनमें से 10 हजार लोगों को राहत कैम्प में ठहराया गया है. पूरे जिले में 53 राहत कैम्प स्थापित किए गए हैं. शिविरों में कपड़ों,सोने और भोजन की पूरी व्यवस्था की गई है. स्वयंसेवी संस्थाएँ और नागरिक जिला प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं. आवागमन ठप्प हो जाने से मार्ग में फंसे 470 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है, जहाँ उन्हें सोने और भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. प्रभावित क्षेत्रों के रहवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. गाँधीसागर बाँध के आसपास के गाँवों को खाली करवा लिया गया है. मदद के लिए मोबाइल नं. 7587969401 पर कोई भी व्यक्ति फोन करके सहायता प्राप्त कर सकता है. होमगार्ड के सैनिक नाव और बोट से निरंतर निगरानी रख रहे हैं.
रतलामः रतलाम जिले में अतिवृष्टि के हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ की मदद से लोगों को बचाने का काम मुस्तैदी से किया गया. बाजना विकासखंड के ग्राम भड़ानखुर्द के ग्रामीणों को सुरक्षित कैम्पों में पहुंचाया गया है. इसी तरह, ग्राम रोला के 250 ग्रामीणों को पड़ोस के ग्राम रिंगनोद में शिफ्ट किया गया है. ग्राम रणायरागुर्जर के 300 नागरिकों को विभिन्न शासकीय भवनों में सुरक्षित पहुंचाया गया है, जहाँ उनके भोजन, रहने आदि की व्यवस्था की गई थी. रणायरागुर्जर में बाढ़ में फंसे मांगीलाल तथा सावत्रीबाई को एनडीआरएफ की टीम ने बचाकर राहत शिविर पहुंचाया है. पिपलौदा में भी 4 व्यक्तियों को स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों की मदद से बचाया गया है.
आगर-मालवाः भारी वर्षा के कारण आगर-मालवा की कंठाल नदी में जलस्तर बढ़ने से नगरीय क्षेत्र सोयत में लोगों के घरों में पानी भर गया है. जिला प्रशासन ने तत्काल पुलिस-होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम के साथ बचाव कार्य शुरु किया और 750 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. उनके खाने-पीने, सोने आदि की व्यवस्था राहत शिविरों में की गई. जो नागरिक अपने घरों में बाढ़ के कारण फंसे हुंए हैं, उन लोगों को खाने-पीने तथा अन्य जरूरी सामान बोट द्वारा पहुंचाया गया. बाढ़ के कारण दुकानों और घरों को जो नुकसान पहुंचा है, उसके लिए चार सदस्यीय टीम गठित की गई है, जिन्होंने सर्वे का काम शुरू कर दिया है. जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष स्वास्थ्य दल गठित किए गए हैं, जो शिविर लगाकर लोगों को उपचार उपलब्ध करवा रहे हैं.
शाजापुरः शाजापुर जिले में बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए शासकीय भवनों में राहत-शिविर खोले गये हैं. प्रभावित क्षेत्रों पर निगरानी रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं.
मुरैना संभागः पार्वती और चंबल नदी में बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा युद्ध-स्तर पर बचाव कार्य शुरु कर दिया गया है. श्योपुर जिले में बाढ़ में फंसे 12 गाँव के लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. एक व्यक्ति जो बाढ़ में फंस गया था, उसे भी सुरक्षित निकाला गया है. जिले के नदियों के समीप बसे 15 गाँव, जो नदियों के किनारे बसे हैं, उनसे सतत् संपर्क रखा जा रहा है. साथ ही सेना भी बुला ली गई है. भिंड जिले में बाढ़ से निपटने के लिए आर्मी लॉ वन कॉलम दल को अटेर में तैनात किया गया है. जो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. भिंड जिले के ग्राम कोसड़ में स्थापित राहत शिविरों में लोगों को पहुंचाया गया है. मुरैना-भिंड और श्योपुर जिले में राहत और बचाव कार्य के लिए 50 एसएएफ, 10 एसडीआरएफ और होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं. पशुओं के इलाज के लिए भी चिकित्सकों को सेवा में लगाया गया है.
दमोहः दमोह जिले में आज सुबह से बचाव के लिए तैनात टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही है. राहत शिविरों में पूरे इंतजाम किए गए हैं.
रायसेनः रायसेन जिले में बाढ़ के कारण हुंए नुकसान पर सर्वे शुरु कर दिया गया है. स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने जिले के प्रभावित गांव कायमपुर और निनोद गांव में पहुंचकर बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार हर संभव मदद करेगी.
अशोकनगरः अशोक नगर जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फसलों, मकानों तथा अन्य नुकसानों के प्रारंभिक आंकलन का कार्य शुरु कर दिया है. आंकलन के बाद सभी प्रभावितों को आरबीसी 6-4 के तहत सहायता उपलब्ध करवायी जाएगी.
Source : शुभम गुप्ता