मध्य प्रदेश की भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर दिए विवादित बयान को वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि मेरे बयान से देश के दुश्मनों को फायदा होगा. इस लिए मैं अपने बयान को वापस लेती हूं. उन्होंने आगे कहा कि यह मेरा निजी दर्द था जो साझा किया. भोपाल संसदीय सीट पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही साध्वी का यह सबसे चौंकाने वाला बयान था.
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में साध्वी ने कहा था कि, 'हेमंत करकरे मुझे यातनाएं देते थे. मुझसे कुछ भी पूछते थे. मैंने कहा कि तेरा सर्वनाश होगा और ठीक सवा महीने बाद आतंकियों ने मार दिया. जिस दिन मैं गई थी उस दिन सूतक लग गया था.'
आलम यह रहा कि साध्वी के इस बयान से भाजपा ने भी किनारा कर लिया. भाजपा ने कहा था कि साध्वी का दिया गया बयान उनका व्यक्तिगत बयान है. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि हेमंत करकरे ने मुझे गलत तरीके से फंसाया, मैंने बताया था कि सर्वनाश होगा और ठीक सवा महीने बाद आतंकियों ने मार दिया.
भाजपा केंद्रीय कार्यालय ने इस मुद्दे पर पत्र जारी करते हुए कहा है कि 'भाजपा ने हमेशा हेमंत करकरे को एक शहीद माना है. साध्वी प्रज्ञा के द्वारा दिया गया बयान उनका व्यक्तिगत बयान है.' विपक्षी दलों ने तो इस मुद्दे को हाथो-हाथ लिया. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा था कि "दो शपथ लेने वाले लोग वर्दी का क्या सम्मान करेंगे।"
दो शपथ लेने वाले लोग वर्दी का क्या सम्मान करेंगे। https://t.co/3CXvmXZ21Y
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 19, 2019
आईपीएस एसोसिएशन ने इस बयान की निंदा की थी. एसोसिएशन ने ट्वीट करके कहा था कि हेमंत करकरे अशोक चक्र विजेता है. उन्हें शहीद का दर्जा प्राप्त है. सभी को उनका सम्मान करना चाहिए.
बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच हेमंत करकरे के पास ही थी. इस केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर आरोपी थीं. हालांकि इस केस में हेमंत करकरे की चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे.
Source : News Nation Bureau