मध्यप्रदेश के भिंड में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. यह मामला काफी पुराना है, लेकिन अब जानकारी सामने आने के बाद ये चर्चा में बना हुआ है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की आलमपुर शाखा की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. एसबीआई ने दो अलग-अलग ग्राहकों को एक ही खाता नंबर दे दिया. बैंक द्वारा दी गई पासबुक में ग्राहक संख्या भी एक है. इसका नतीजा ये हुआ कि एक ग्राहक खाते में पैसे जमा करता रहा तो दूसरा ग्राहक उसे निकालता रहा.
एबीआई शाखा में ऐसा एक दो बार नहीं, बल्कि पूरे छह महीने तक चलता रहा. परिणाम ये आया कि जमा करने वाले ग्राहक के 89 हजार रुपये दूसरे खाता धारक ने निकाल लिए थे. जब इस बात का पता चला तो बैंक में जमा करने वाला पीड़ित ग्राहक ने बैंक मैनेजर से बात की, जहां मामला सामने आने के बाद बैंक प्रबंधन भी भौचक्का रह गया.
आलमपुरु के गांव रूरई निवासी हुकुम सिंह कुशवाह पुत्र हरविलास कुशवाह हरियाणा में काम करते हैं. हुकुम सिंह का खाता आलमपुर की एसबीआई शाखा में है. बैंक की ओर से उन्हें 12 नवंबर 2018 को पासबुक जारी की गई थी. उनकी ग्राहक संख्या 88613177424 और बचत खाता संख्या 20313782314 है.
एसबीआई शाखा में खाता खुलवाने के बाद हुकुम सिंह हरियाणा चले गए. वे वहां से अपने खाते में पैसे जमा करवाते रहे. जब हरियाणा से वापस आकर हुकुम सिंह 16 अक्टूबर को अपने खाते से रुपये निकालने बैंक पहुंचे तो उसमें सिर्फ 35 हजार रुपये ही थे. बताया गया कि खाते से 7 दिसंबर 2018 से 7 मई 2019 के दौरान अलग-अलग तारीखों में 89 हजार रुपये निकाले गए हैं. हुकुम ने मैनेजर राजेश सोनकर से इसकी शिकायत की.
बैंक प्रबंधक ने मामले की जांच की तो पता चला कि हुकुम को बैंक से जो ग्राहक संख्या और खाता संख्या जारी किया गया था, वो ही रोनी गांव निवासी हुकुम सिंह बघेल पुत्र रामदयाल को भी जारी किया गया था. बैंक की ओर से बघेल को 23 मई 2016 को पासबुक दी गई थी. दो ग्राहकों को एक ही खाता संख्या जारी होने की हकीकत सामने आने पर बैंक प्रबंधन के हाथपांव फूल गए.
इसके बाद प्रबंधन ने बघेल को बुलाया. उन्होंने लिखित में दिया गया कि 6 महीने में उन्होंने 89 हजार की जो रकम निकाली है, वे उसे कुशवाह को 3 किश्तों में वापस करेंगे. बघेल ने अपने खाते से आधार नंबर को लिंक करा लिया था. उन्होंने रुपयों को कियोस्क सेंटर से निकाला. कियोस्क सेंटर पर जाकर बघेल अंगूठे की छाप लगाते और रुपये निकाल लेते थे.
रोनी गांव निवासी हुकुम सिंह बघेल ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि मेरा खाता था, उसमें पैसा आया, मैं सोच रहा था मोदी जी पैसा दे रहे हैं तो मैंने निकाल लिए. हमारे पास पैसे नहीं थे, हमारी मजबूरी थी. हमने घर में काम करवाया है और इसलिए पैसा हमें निकालना पड़ा. उन्होंने सीधे तौर पर बैंक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.
आलमपुर एसबीआई बैंक के मैनेजर राजेश सोनकर ने कहा कि यह दोनों खाते उनके समय नहीं खोले गए थे. मुझे इसे लेकर शिकायत मिली है और कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा रहा हूं. उनका कहना था है कि जरूरत पड़ने पर थाने में तहरीर दी जाएगी. फिलहाल. सही ग्राहक को उसकी रकम वापस दिलाने की दिशा में काम किया जा रहा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो