मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया. उन्होंने बुधनी विधानसभा उपचुनाव के दौरान नांदनेर में आयोजित एक कार्यक्रम में भगवा पार्टी की सदस्यता लेकर घर वापसी की है. पूर्व मंत्री ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भाजपा में वापस लौटे हैं.
इसलिए भाजपा का छोड़ा था साथ
हुआ कुछ यूं कि दीपक जोशी को बीते विधानसभा चुनाव के दौरान देवास की हाटपिपल्या सीट से टिकट की मांग थी, लेकिन वहां बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए मनोज चौधरी को दावेदार घोषित किया था. इसी बात को लेकर दीपक जोशी नाराज हो गये और पार्टी छोड़ कांग्रेस दल जॉइन कर लिया था. हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें खातेगांव से टिकट दिया, लेकिन वह 12 हजार 542 वोटों चुनाव हार गए थे.
ये है दीपक जोशी का राजनीतिक इतिहास
बता दें कि पूर्व विधायक दीपक जोशी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं. दीपक जोशी देवास जिले में पार्टी के बड़े नेता हैं. दीपक जोशी बीजेपी से तीन बार के विधायक रह चुके हैं उन्होंने 2013 में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में स्कूल, उच्च शिक्षा और कौशल विकास मंत्री का पद भी संभाला था.
मनोज चौधरी ने दी थी मात
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मनोज चौधरी ने बीजेपी के दीपक जोशी को हराया था. जब 2020 में मध्य प्रदेश में सत्ता का उलटफेर हुआ तो मनोज चौधरी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के पाले में चले गये थे.
इसके बाद विधानसभा उपचुनाव में भी मनोज चौधरी को जीत हासिल हुई और वह भाजपा विधायक बन गए. इसके बाद हटपिपल्या सीट के समीकरण में बदलाव आ गया.
2020 के बाद से ही होने लगे थे असहज
दीपक जोशी 2020 के बाद से ही बीजेपी में खुद को असहज महसूस करते दिखाई दे रहे थे. सोशल मीडिया के जरिए भी उन्हें अपना दर्द बयां करते देखा जाता था. इसके बाद उन्होंने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का साथ अपना लिया था. लेकिन बात फिर भी नहीं बनी और दोबारा वह बीजेपी में आने की कवायद में जुट गये थे.
हालांकि, दीपक जोशी ने इसी साल मार्च के महीने में बीजेपी में वापसी के संकेत दिए थे. मीडिया से कहा था कि वे बीजेपी के संपर्क में हैं और जल्द ही इसमें शामिल हो सकते हैं.