रमता जोगी बहता पानी की कहावत तो आपने सुनी ही होगी. साधु महात्माओं के लिए यह बात इसलिए कहा जाती है, क्योंकि उनका कोई स्थाई ठिकाना नहीं होता. मध्य प्रदेश की सियासत में पिछले एक साल से हलचल मचाने वाले कंप्यूटर बाबा (Computer Baba) पर भी यह बात सौ फ़ीसदी लागू होती है. कभी शिवराज सिंह चौहान के साथ रहे कंप्यूटर बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया था, लेकिन चुनाव के ठीक पहले बाबा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और उसके बाद कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भी संतों की अगुवाई करते नजर आए. अब कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार पर बड़ा हमला बोला है. कंप्यूटर बाबा का कहना है कि शिवराज और उनका परिवार नर्मदा में अवैध रेत खनन के लिए जिम्मेदार हैं.
यह भी पढ़ेंः तो इन वजहों से शिवराज ने दिया था 5 बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा...
बता दें चुनाव के दौरान नर्मदे संसद में मन की बात में कंप्यूटर बाबा ने कहा था कि 5 साल संत समाज कांग्रेस को देता है. शिवराज सरकार को कान पकड़ कर नीचे उतारेंगे.संत समाज मैदान में आ जाए और कान पकड़ कर नीचे उतारे. संत समाज की गरिमा शिवराज सरकार ने खराब की है. ये संत बनकर मंदिरों में अपने लोग बैठाने की योजना बना रहे हैं. हम इन्हें ही बाहर कर देगें, हमें कांग्रेस पर है विश्वास, जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं. मध्य प्रदेश का संत समाज कांग्रेस का समर्थन करता है.
शिवराज की सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री थे बाबा
कंप्यूटर बाबा कभी शिवराज की सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री थे. उन्होंने नर्मदा में हो रहे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा तो सीएम ने उन्हें मंत्री का दर्जा दे दिया. बाबा अभी महज 5 महीने ही अपने पद पर रह पाए थे कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया और सरकार के खिलाफ संत समाज को इकट्ठा कर लिया. 30 अक्टूबर को ग्वालियर में कोटेश्वर मंदिर के पास संत समागम में कंप्यूटर बाबा ने अपने मन की बात कहने के लिए लगभग दो हजार से ज्यादा संतो को आमंत्रित किया. हालांकि सब तो अपने मन की बात नहीं कह पाए लेकिन जितने भी संत बोले उन्होंने शिवराज सरकार पर जमकर जमकर निशाना साधा था.
Source : News Nation Bureau