मध्य प्रदेश में सावन माह के तीसरे सोमवार को शासकीय कर्मचारियों को लेकर शिवराज सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा किया है. प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को तीन प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. सरकार के इस निर्णय के बाद अब कर्मचारियों का डीए 31% से बढ़कर 34% हो गया है. यह महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मियों के बराबर होगा. यह बढ़ा हुआ डीएम अगस्त माह के वेतन में सिंतबर में मिलेगा. इस निर्णय से सरकार पर लगभग 625 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा.
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान करते हुए कहा कि अभी मध्य प्रदेश के हमारे शासकीय सेवकों को 31 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता है. यह 11 फीसदी हमने पिछली बार एक साथ बढ़ाया था, लेकिन आज हम यह फैसला कर रहे हैं कि हम 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता मध्य प्रदेश के शासकीय सेवकों को देंगे. केंद्र के शासकीय सेवकों को 34 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता है. यह फैसला अगस्त माह के वेतन से, जिसका भुगतान सितंबर में होगा. उससे हम लागू कर रहे हैं.
सीएम चौहान ने आगे कहा कि शासन के ऊपर लगभग 625 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा, लेकिन साढ़े सात लाख से ज्यादा कर्मचारी भाइयों और बहनों को इसका लाभ मिलेगा, इसलिए उनकी बेहतरी के लिए हमने यह फैसला लिया है.
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वहीं, प्रदेश के कर्मचारियों को तीन प्रतिशत DA के तोहफ़े पर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस विधायक और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने सरकार पर निशाना साधा है. ये तोहफ़ा नहीं है, बल्कि कर्मचारियों का जो हक उन्हें मिलना था वो उन्हें समय पर नहीं दिया गया. सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है. DA ही क्यों आखिर पेंशनरों के बकाया एरियर्स पर सरकार क्यूं चुप है. ये कोई तोहफा नहीं है, बल्कि सरकार के गलत कार्य करने का तरीका है.