मध्य प्रदेश विद्यालयों में पहली से 12वीं तक के छात्रों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए लगातार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जरूरी कदम उठाए जा रहे है. इसी क्रम में बच्चों को पुस्तकें पैकिंग कर दिए जाने के योजना पर अमल शुरू हुआ है. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन विकासखंडों में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि कक्षा पहली से बारहवीं तक के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को नि:शुल्क पुस्तकें पैकिंग कर वितरित की जाएगी. प्रदेश में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरूआत शाजापुर जिले में शुजालपुर, सीहोर जिले में बुधनी और भोपाल विकासखण्ड में की जा रही है. अगले सत्र से पूरे राज्य में पैकिंग कर ही पुस्तकें वितरित की जाएंगी.
परमार ने बताया कहा कि शासन द्वारा पहले विद्यालय में बच्चों को बिना पैकिंग किये पुस्तकें दी जाती थीं, उसमें कई प्रकार की व्यवहारिक कठिनाइयाँ आती थीं. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के मार्गदर्शन में इस बार हमनें पुस्तकों का पूरा एक सेट तैयार कर पैकिंग कर छात्र-छात्राओं को वितरण करने का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि पायलट प्रोजेक्ट की सफलता पर अगले सत्र से पूरे प्रदेश में छात्र-छात्राओं को पुस्तकों को पैकिंग कर वितरित किया जाएगा.
ज्ञात हो कि वर्तमान दौर में कोरोना संक्रमण मुसीबत बना हुआ है, तो वहीं सभी कक्षाओं में ऑफ लाइन पढ़ाई पूरी तरह शुरु नहीं हो पाई है. सरकार की योजना के मुताबिक बच्चों केा पुस्तकें हासिल करना आसान नहीं होता, वितरण में भी कई तरह की गड़बड़ियां सामने आती है. किसी छात्र को कम किताबें मिलती है तेा किसी को मिल ही नहीं पाती. इन स्थितियों पर रोक लगे और बच्चों को आसानी से सभी किताबें सुरक्षित तरीके से मिल सकें, इस दिशा में पैकिंग करके वितरित करने का यह कदम उठाया गया है. शाजापुर जिले के शुजालपुर जनपद शिक्षा केन्द्र से जनशिक्षा केन्द्रों तक नि:शुल्क पुस्तकें पहुँचाने के लिए वितरण वाहन केा रवाना किया गया. आगामी दिनों में अन्य दो स्थानों पर भी छात्रों में इनका वितरण शुरु किया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- फिलहाल कुछ शहरों से होगा पुस्तकों का वितरण
- अगले सत्र से पूरे प्रदेश में की जाएगी व्यवस्था