मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की गर्माहट बढ़ने के साथ बयानों में तल्खी आने लगी है. जुबानी जंग इतनी तेज हो चली है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर खुली बहस को भी तैयार हैं. मुख्यमंत्री शिवराज ने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोला. जवाब में कमलनाथ भी मुखर हो गए है. गौरतलब है कि कमलनाथ ने ग्वालियर दौरे पर शिवराज सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था.
शिवराज सिंह ने कहा, 'मंदसौर जिले में पिछले साल बाढ़ से भारी तबाही हुई थी. मैंने मुख्यमंत्री कमल नाथ से कहा कि आप भी देख लीजिए कितना नुकसान हुआ है. वो नहीं आए और बोले हम तो बंगले में बैठे-बैठे ही देख लेते हैं. मंदसौर में ही राहुल गांधी ने ये घोषणा की थी कि 10 दिनों में किसानों का हर प्रकार का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करेंगे, लेकिन जब सरकार बन गई, तो कर्जमाफी में कई शर्ते लगा दीं. रंग-बिरंगे फॉर्म भरवाने लगे. कटऑफ की तारीख बदल दी. कांग्रेस की सरकार ने किसानों को धोखा दिया. कमल नाथ कहीं भी बहस कर लें, क्योंकि किसानों को कर्जमाफी के झूठे प्रमाणपत्र बांटे, बैंकों को पैसा नहीं दिया.'
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ग्वालियर में कहा था कि राज्य में 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा था, 'किसान कर्जमाफी पर शिवराज से कहीं भी बहस के लिए तैयार मैं तैयार हूं. एक-एक किसान का फोन नंबर और नाम भी उनके सामने रखूंगा.'
Source : IANS