मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की तरह राज्य के किसानों को हर साल चार हजार रुपये की अतिरिक्त सम्मान निधि देने का फैसला लिया है. इस तरह किसानों के खाते में अब हर साल 10 हजार रुपये पहुंचेंगे. 'मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' से प्रदेश के सभी किसानों को लाभ होगा. विशेषकर छोटे किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित होगी.
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले मंत्री परिषद के सभी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में प्रदेश के 77 लाख किसानों को प्रतिवर्ष तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये, कुल छह हजार रुपये प्रति किसान दिए जाते हैं. अब मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला करते हुए उन्हें राज्य सरकार की ओर से प्रतिवर्ष दो किस्तों में दो-दो हजार रुपये यानी कुल चार हजार रुपये की सम्मान राशि देने का फैसला किया है. केंद्र व राज्य सरकार की इन योजनाओं की कुल राशि अब 10 हजार रुपये हो जाएगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 77 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है. मध्यप्रदेश सरकार किसानों का सर्वे कर प्रदेश के प्रत्येक किसान को मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देगी. प्रदेश में खातेदार किसानों की अनुमानित संख्या एक करोड़ है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत के किसानों को सम्मान निधि की पहली किस्त के वितरण की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर दी जाएगी. उस दिन किसानों के खातों में मुख्यमंत्री स्वयं भोपाल से तथा मंत्रीगण व अन्य जनप्रतिनिधि अन्य जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में राशि अंतरित करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को सरकार पूरा सुरक्षा चक्र प्रदान कर रही है. मध्यप्रदेश सरकार एक के बाद एक किसानों के हित में फैसले ले रही है. पहले किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराने की योजना शुरू की गई. फिर उनके खातों में गत वर्षो की फसल बीमा राशि डाली गई. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रक्रिया के विषय में बताया कि लाभान्वित किए जाने वाले किसानों की जानकारी किसान सम्मान निधि पोर्टल पर दर्ज रहेगी. क्षेत्र के पटवारी जानकारी का सत्यापन करेंगे. किसानों को सिर्फ एक बार क्षेत्र के पटवारी को भौतिक रूप से आवेदन देना होगा.
Source : IANS