राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर दी गई टिप्पणी पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया दी है. शिवराज सिंह (Shivraj Singh) ने कहा कि आखिर सच को कभी ना कभी सामने आना ही था. मैं कपिल सिब्बल को बधाई देता हूं कि उन्होंने सच का साथ दिया. शिवराज सिंह ने ट्वीट कह कहा कि मुझे लगता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, कमलनाथ और कांग्रेस (Congress) शासित राज्यों को सिबल जी से बात करनी चाहिए और सीएए की बारीकियों को समझना चाहिए.
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पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा कि क्या प्रताड़ित शरणार्थियों को वापस पाकिस्तान भेज देना चाहिए. शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा, 'अगर कांग्रेस नहीं चाहती है कि सीएए लागू हो तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ये बात साफ कर देनी चाहिए कि आखिर वो जो शरणार्थी पड़ोसी देशों में अपने धर्म की वजह से प्रताड़ित होकर भारत में रह रहे हैं, उनका क्या करना चाहिए? क्या उनको वापिस पाकिस्तान भेज देना चाहिए.'
अगर @INCIndia नहीं चाहती है कि #CAA लागू हो तो @RahulGandhi जी और सोनिया जी को ये बात साफ़ कर देनी चाहिए की आख़िर वो जो शरणार्थी पड़ोसी देशों में अपने धर्म की वजह से प्रताड़ित हो कर भारत में रह रहे है, उनका क्या करना चाहिए?
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 19, 2020
क्या उनको वापिस पाकिस्तान भेज देना चाहिए!?!? 😡
बता दें कि शनिवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता और ऐसा करना असंवैधानिक होगा. उन्होंने कहा था, 'जब सीएए पारित हो चुका है तो कोई भी राज्य यह नहीं कह सकता कि मैं उसे लागू नहीं करूंगा. यह संभव नहीं है और असंवैधानिक है. आप उसका विरोध कर सकते हैं, विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकते हैं और केंद्र सरकार से (कानून) वापस लेने की मांग कर सकते हैं. लेकिन संवैधानिक रूप से यह कहना कि मैं इसे लागू नहीं करूंगा, अधिक समस्याएं पैदा कर सकता है.'
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गौरतलब है कि केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित देश के अधिकतर राज्यों में सीएए के साथ राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) का जमकर विरोध किया जा रहा है. सीएए के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाए जा रहे हैं. कई जगहों पर इसके विरोध में हिंसा भी हुईं.
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