मध्य प्रदेश के मालवा अंचल के तीन बड़े शहरों उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में राम मंदिर चंदा रैली पर पथराव के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. अचानक से बदले माहौल को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस का कहना है निकाय चुनाव से पहले बीजेपी जानकर माहौल बिगाड़ रही है. लेकिन बीजेपी उल्टा कांग्रेस से सवाल कर रही है. उज्जैन, इंदौर और मंदसौर में राम मंदिर निर्माण के लिए निकाली जा रही चंदा रैली पर पथराव के बाद हिंसा की खबरें निकल कर आईं. बीजेपी ने मालवा में दो पक्षों के बीच हुई हिंसा पर तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं.
कैबिनेट मिनिस्टर विश्वास सारंग में सख्त लहजे में कहा प्रदेश कि फिजा खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. मंदिर निर्माण के लिए जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है. जन जागरण के प्रकल्प को छेड़ने वालों को प्रदेश में बख्शा नहीं जाएगा. किसी भी तरह की साजिश को नाकाम किया जाएगा. विश्वास सारंग ने कहा उज्जैन की हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी की नीति साफ करना चाहिए और बताना चाहिए कि क्या कांग्रेस पार्टी राम मंदिर निर्माण के खिलाफ है.
इधऱ पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता डॉक्टर गोविंद सिंह ने मालवा अंचल में हुई हिंसा पर कहा यह सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है. नगरीय निकाय चुनाव से पहले माहौल बनाने की कोशिश हो रही है. गुजरात की तरह एमपी में सियासी फायदा लेने के लिए सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. मंदसौर में दोनों पक्षों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है. घटना रोकने में विफल पुलिस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि साल के आखिरी में प्रदेश के शांत माहौल को बिगाड़ने की साजिश कौन रच रहा है.
Source : News Nation Bureau