सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को छेड़छाड़ के एक मामले में आरोपी को जमानत देने का मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने शर्त रखी थी कि आरोपी अगर पीड़िता से 'राखी' बंधवाएगा तो उसे जमानत दे दी जाएगी. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने निर्देश में कहा कि न्यायाधीशों को किसी भी प्रकार की रूढ़िवादिता से बचना चाहिए. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी जमानत की इस शर्त का विरोध किया.मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 30 जुलाई के आदेश के खिलाफ अधिवक्ता अपर्णा भट और अन्य आठ महिला वकीलों ने याचिका दायर की थी, जिसमें यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को जमानत के लिए शर्त के रूप में पीड़िता से राखी बंधवाने के लिए कहा गया था.
याचिका में कहा गया कि जमानत की शर्त पीड़िता को अपने ही घर में आगे पीड़ित होने के लिए मजबूर कर देगी. इस शर्त के बाद भाई-बहन का त्यौहार रक्षाबंधन पीड़िता के लिए आघात लेकर आएगा. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि जमानत के लिए हाईकोर्ट की शर्त को दरकिनार कर दी जानी चाहिए.
मस्जिदों में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर रहेगी पाबंदी
प्रयागराज में मस्जिदों से लाउडस्पीकर से तेज आवाज में अजान पर कोहराम का मामला मचा है. आईजी प्रयागराज केपी सिंह ने रेंज के चारों जिलों के डीएम और एसएसपी को पत्र भेजा है. पत्र के जरिए पॉल्यूशन एक्ट और हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह से लाउडस्पीकर बजाने पाबंदी रहेगी. आईजी के मुताबिक, गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है.
हाईकोर्ट ने कहा था कि लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अजान इस्लाम का धार्मिक भाग है. लोगों को बिना ध्वनि प्रदूषण नींद का अधिकार है और यह जीवन के मूल अधिकार में शामिल है. किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन का अधिकार नहीं है.
आईजी के अनुसार, पॉल्यूशन एक्ट में भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने की मनाही है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने तीन मार्च को डीएम को पत्र लिखा था. क्लाइव रोड की मस्जिद में तेज आवाज में अजान से नींद में खलल को लेकर डीएम प्रयागराज को पत्र लिखा था. पत्र की कॉपी कमिश्नर आईजी और डीआईजी को भी भेजी थी.
मामले के तूल पकड़ने पर मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने पहल की है. लाउडस्पीकर की संख्या चार से घटाकर दो कर दी है. लाउडस्पीकर का वॉल्यूम भी कम कर दिया है. लाउडस्पीकर की दिशा भी कुलपति के आवास की ओर से बदल दी गई है.
Source : IANS