कोरोना संक्रमण को रोकने का बड़ा हथियार टीकाकरण को माना गया है. ऐसे में मध्य प्रदेश में टीकाकरण को तेजगति से पूरा करने के प्रयास किया जा रहा है. राजधानी भोपाल में ऐसे लोगों की खोज शुरु हो गई है, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की रणनीति के अंतर्गत घर घर सर्वे अभियान शुरू किया गया है, जिसमें वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है. बताया गया है कि राजधानी के तीन लाख लोगों ने पहला डोज नहीं लगाया है. इन नागरिकों की घर-घर जाकर जानकारी जुटाई जाएगी. इसका वार्ड अनुसार डेटा तैयार करने के बाद नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को अगले 15 दिनों में वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा.
घर-घर चल रहा सर्वेक्षण
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में तय लक्ष्य के मुताबिक सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए महिला बाल विकास विभाग की कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे किया जा रहा है. गुरुवार से घर-घर सर्वे करने का काम भी शुरू कर दिया गया है. वैक्सीनेशन के सर्वेक्षण अभियान में महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनवाड़ी केन्द्रों की 1800 आंगनवाड़ी कार्यकतार्ओं की मदद ली जा रही है. भोपाल में पहला डोज 16 लाख 40 हजार को लग गया है. दूसरा डोज चार लाख 56 हजार ने लगवाया है. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ अधिकारी ने बताया कि तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए पूरी आबादी को वैक्सीनेटेड करने के लिए नॉन वैक्सीनेटेड लोगों का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है, ताकि विशेष अभियान चला कर उनको वैक्सीन लगाई जा सके.
आंकड़ों में टीकाकरण
भोपाल में कुल 20 लाख 52 हजार 552 लोगों को पहला और दूसरा डोज लगा है. इसमें 11 लाख 34 हजार 570 पुरुष और नौ लाख 17 हजार 572 महिलाएं शामिल है. इसके अलावा अन्य 450 को वैक्सीन लगी है, जिसमें 17 लाख 98 हजार 114 लोगों को कोवीशील्ड और दो लाख 53 हजार 627 लोगों को कोवक्सीन लगी है. बताया गया है कि 18 से 44 उम्र के 11 लाख 70 हजार, 45 से 60 उम्र के 5 लाख 80 हजार 459 और 60 वर्ष की उम्र के 3 लाख 70 हजार को वैक्सीन लगी है.
HIGHLIGHTS
- महिला बाल विकास के कार्यकर्ता कर रहे सर्वेक्षण
- घर-घर जाकर खोजे जा रहे कोरोना वैक्सीन नहीं लेने वाले