मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सालाना आयोजित होने वाले तानसेन समारोह में प्रसिद्ध सरोद वादक अमजद अली को आमंत्रित नहीं करने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।
राज्य सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सुरेंद्र पटवा ने इस पर गहराते विवाद को देखते हुए उनसे माफी मांगते हुए कहा, 'उन्हें दुख पहुंचाने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं था।'
दरअसल, निमंत्रण न मिलने से नाराज अमजद अली खान ने प्रदेश सरकार के प्रति खासा नाराजगी व्यक्त करते हुए फैसला लिया है कि वह यहां दोबारा कभी सरोद नहीं बजाएंगे। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार को उनसे माफी मांगनी पड़ी।
अमजद अली खान ने बाकायदा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपनी नाराजगी का इजहार किया है। उन्होंने लिखा कि संस्कृति विभाग ने उनकी उपेक्षा की है। वे मध्य प्रदेश के तानसेन समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने से खफा हैं।
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बता दें इस पूरे मामले पर विवाद होता देख राज्य मंत्री सुरेंद्र पटवा ने अमजद अली खान से माफी मांगी। उन्होंने कहा,'हम उनको इस इवेंट में कई बार बुला चुके हैं। मुझे नहीं लगता कि यह जरूरी है कि हर वर्ष सभी को इसमें आमंत्रित किया जाए। हमारी कोशिश सभी को मौका देने की है। देश में कई अन्य कलाकार भी हैं।'
सुरेंद्र ने कहा,'हम सिस्टम के हिसाब से काम कर रहे हैं और संस्कृति विभाग की जूरी का फैसला निर्णायक होता है। मैं निश्चित रूप से अमजद अली खान से बात करूंगा।'
अमजद अली खान को सरोदवादन के लिए पद्मश्री और पद्मविभूषण सम्मान से नवाजा जा चुका है। वह ग्वालियर के संगीत घराने 'सेनिया बंगश' से ताल्लुक रखते हैं। अमजद अली खान के पिता हाफिज अली खां ग्वालियर राज दरबार के जाने-माने संगीतज्ञ थे।
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HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश में आयोजित तानसेन समारोह में प्रसिद्ध सरोद वादक अमजद अली को आमंत्रित नहीं करने का मामला गरमाया
- पर्यटन और संस्कृति मंत्री सुरेंद्र पटवा ने मांगी माफी कहा-'उन्हें दुख पहुंचाने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं था
Source : News Nation Bureau