मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर में भारतीय स्टेट बैंक में हुई करोड़ों की चोरी और हेराफेरी के मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार कर करोड़ों का माल बरामद किया है. हैरानी वाली यह है कि पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया, उसमें से एक बैंक का ही कैशियर है. आरोपियों की पहचान कैशियर राजीव पालीवाल, उसकी महिला मित्र ज्योति गर्ग और नीतिराज होटल नवराज मोटर गैराज के मालिक नवीन गुप्ता के रूप में हुई है. इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड नवीन गुप्ता था.
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दरअसल, श्योपुर के पुलिस थाने में 10 जून को गोल्ड लोन लॉकर से 101 पैकेट सोने के जेवर गायब होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. इस पूरे मामले ने देश की सभी बैंकों से लोगों का विश्वास खो दिया था. घटना बहुत बड़ी थी. देश की विश्वसनीय बैंक पर सवाल खड़े हो रहे थे. पुलिस के लिए गुत्थी सुलझाना और चोरों को पकड़ना एक चेलेंज बन गया था. एसपी समाप्त उपाध्याय ने ही खुद एक टीम तैयार की. जिसमें से हर थाने से एक एक्टिव व्यक्ति को लिया गया और फिर जगह जगह दबिस दी गई.
जांच के दौरान पुलिस को बैंक के कैशियर पर ही शक हुआ. पूरे मामले में बैंक कैशियर राजीव पालीवाल पर पुलिस ने कड़ी नजर बनाई हुई थी और फोन कॉल की डिटेल निकाल रही थी. पुलिस ने हर छोटी कड़ी को जोड़ा और फिर पूरा मामला उसकी समझ में आ गया. पुलिस पहले कैशियर फिर उसके दोस्त नवीन और उसकी महिला मित्र ज्योति को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने नवीन गुप्ता से पूछताछ शुरू की तो इस बैंक चोरी में तार से तार जुड़े चले गए. आखिर में नवीन गुप्ता ने ज्योति का नाम उजागर किया जो इस मामले में भागीदार थी. उसने इस पूरे मामले में भागीदारी कबूल की और बैंक का कुछ सोना खुद के पास रखा होना बताया.
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आरोपियों ने शातिराना तरीके से पहले तो ग्राहकों को गोल्ड लोन दिया और फिर उसी गोल्ड को बैंक कैशियर राजीव पालीवाल द्वारा नवीन गुप्ता को दे दिया गया था. बैंक से करोड़ों का सोना गायब करने के बाद बैंक के कैशियर राजीव पालीवाल और नीतिराज होटल के मालिक नवीन गुप्ता जिले से गायब हो गए थे. वह ग्वालियर के हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रहे थे. तभी पुलिस को इनके इलाज करवाने और भर्ती होने की जानकारी साइवर के माध्यम से मिली. जिसके बाद पुलिस इन्हें वही हॉस्पिटल से श्योपुर लेकर आई और सख्ती से पूछताछ की. उसके बाद दोनों में महिला ज्योति गर्ग का नाम लेकर बताया कि कुछ जेवर ओर नगद महिला के पास हैं. जिसके बाद पुलिस ने महिला को भी गिरफ्तार कर उससे माल बरामद किया.
श्योपुर के एसपी संपत उपाध्याय का कहना है कि आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया है. नवीन गुप्ता गोल्ड लोन लेता था और कैशियर जिसे गोल्ड अंदर रखना चाहिए था, वह गोल्ड नवीन गुप्ता को वापस दे दिया करता था. फिर उसी गोल्ड को नवीन गुप्ता वापस लेकर गोल्ड लोन लेने पहुंच जाता था. इस बीच बैंक कैशियर राजीव पालीवाल का प्रमोशन होना था तो उसने यह पूरा मामला प्लान किया और पुलिस को बताया कि बैंक की चाबी खो गई है. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार तो किया है पर अभी इसमें और नाम सामने आने बाकी हैं, जो कि जल्द ही गिरफ्तार होंगे.
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