मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की लापरवाही के उदाहरण आए दिन देखने मिलते हैं. ताजा मामला सागर जिले के बीना की सरकारी अस्पताल का है, जहां डॉक्टर ने एक जिंदा बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया. इसके पोस्ट मार्टम के लिए पुलिस को मेमो भेज दिया. लेकिन जब पुलिस पोस्टमार्टम के पंचनामा के लिए पहुंची तो वह जिंदा था. वह बुजुर्ग रातभर पोस्टमार्टम गृह में पड़ा रहा.
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दरअसल, बीना सिविल अस्पताल में गुरुवार रात 9 बजे अस्पताल से डॉ. अविनाश सक्सेना ने एक कर्मचारी से पुलिस को मेमो भिजवाया था. जिसमें वृद्ध किशन पिता कशीराम सोनी (72) निवासी नौगांव छतरपुर की इलाज के दौरान मौत होने की बात लिखी थी. मेमो के आधार पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया और शुक्रवार की सुबह बीना पुलिस अस्पताल में बुजुर्ग का पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंची.
इसके बाद कíमयों ने काशीराम को उठाने की कोशिश की तो उसकी सांसें चल रही थीं तो उसकी सांसें चल रही थीं. वृद्ध से जब बात की तो वह फूट-फूटकर रोने लगा. उसे तत्काल अस्पताल में दोबारा भर्ती कराया गया. इसके बाद उसे वॉटल लगाकर फिर से इलाज शुरू किया गया. इलाज के दौरान शुक्रवार सुबह वृद्ध की मृत्यु हो गई.
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मृतक कासीराम गरीब था और अकेला ही अस्पताल में भर्ती हुआ था. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.आर. रोशन ने माना कि इस मामले में डॉक्टर अविनाश सक्सेना की लापरवाही सामने आई है. इस घटना की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन ने भी इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं.
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