मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 26 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान 15 बैठकें होंगी. यह सत्र हंगामेदार हो सकता है, क्योंकि राज्य की बिजली समस्या, किसानों की कर्जमाफी सहित अन्य मुद्दों को विपक्षी दल जोर शोर से उठाने की तैयारी में है. विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने रविवार को बताया कि यह पावस (मॉनसून) सत्र 19 दिवसीय होगा. इस दौरान कुल 15 बैठकें होंगी.
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विधानसभा के प्रमुख सचिव ने बताया कि अब तक विधानसभा सचिवालय में कुल 4362 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें ध्यानाकर्षण की 206, स्थगन प्रस्ताव 23, अशासकीय संकल्प की 22 तथा शून्य काल की 47 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. शासकीय विधेयकों की भी छह सूचनाएं विधानसभा सचिवालय में प्राप्त हुई हैं.
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का यह तीसरा सत्र है. राज्य विधानसभा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं है, और कमलनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी(बसपा), और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के पास 114, भाजपा के पास 108 सीटें हैं. वहीं बसपा के दो, सपा के एक, और निर्दलीय चार विधायक हैं. भाजपा के एक विधायक के सांसद बनने से एक स्थान रिक्त है.
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पिछले कुछ दिनों से राज्य में बिजली संकट गहराया हुआ है और अघोषित कटौती को भाजपा ने मुद्दा बनाया हुआ है. वहीं किसानों की कर्जमाफी पर भाजपा हमलावर है. भाजपा ने सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस मौके पर विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति तय की जाएगी.
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