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भीड़ हिंसा मामले में तीन गिरफ्तार, टीआई सहित छह पुलिसकर्मी निलंबित

मध्यप्रदेश के धार जिले में बुधवार को भीड़ हिंसा के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है तथा मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.

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Yogendra Mishra
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भीड़ हिंसा मामले में तीन गिरफ्तार, टीआई सहित छह पुलिसकर्मी निलंबित

धार में हुई हिंसा।( Photo Credit : फाइल फोटो)

मध्यप्रदेश के धार जिले में बुधवार को भीड़ हिंसा के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है तथा मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. साथ ही मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में मनावर पुलिस थाना के नगर निरीक्षक (टीआई) सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. भाजपा ने प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री को दोषी ठहराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस्तीफे की मांग की है.

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धार जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदित्य प्रतापसिंह ने बताया, ‘‘बोरलाई में हुई भीड़ हिंसा की घटना के संबंध में तीन आरोपियों सरपंच रमेश जूनापानी, सत्या तसल्या तथा गलियां भूरा को गिरफ्तार किया गया है. वीडियो फुटेज के आधार पर शेष अज्ञात आरोपियों की पहचान करने के प्रयास किये जा रहे हैं.’’

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उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) देवेन्द्र पाटीदार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी जांच के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया कुछ पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है, जिसके तहत मनावर थाने के टीआई सहित छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इन्दौर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विवेक शर्मा भी घटनास्थल पहुंचे और पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.

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मालूम हो कि जिले के मनावर क्षेत्र में अपनी रकम वसूल करने आये इन्दौर जिले के सात किसानों पर ग्रामीणों ने बुधवार को पत्थरों और लाठियों से हमला कर दिया था. इस हमले में 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे. हताहत लोगों को लेकर यह अफवाह फैलायी गयी थी कि वे बच्चा चुराने आये हैं.

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इसबीच, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इन्दौर में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया, "भीड़ हिंसा में मारे गये किसान गणेश पटेल (35) के परिजनों को दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा. इस घटना में घायल लोगों का इलाज राज्य सरकार करा रही है." इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने धार की घटना को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘इस घटना में प्रमुख आरोपी रमेश जुनापानी है, जो भाजपा नेता है और उसने ही भीड़ का नेतृत्व किया तथा हिंसा के लिए उकसाया. पुलिस ने इस मामले में उस पर मामला भी दर्ज किया है और उसे गिरफ्तार भी किया जा चुका है.’’

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इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार रात को ट्वीट किया, ‘‘धार के मनावर में आपसी विवाद में घटित हुई घटना बेहद दुःखद है. ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली हैं जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. पूरे मामले की प्रशासन को जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच कर दोषियों पर सख़्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.’’

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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धार की घटना पर मीडिया से कहा, ‘‘कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश को तालिबानी प्रदेश बना दिया है. पीट-पीट कर लोगो की हत्याएं की जा रही हैं. पत्थर से कुचल-कुचल कर मारा जा रहा है. धार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जो लोग मारे गए हैं, वे पुलिस को सूचना देकर गए थे कि हम अपना पैसा लेने जा रहे हैं और हमें वहां खतरा है. लेकिन पुलिस सोती रही और ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट गई, जिसकी प्रदेश में मिसाल नहीं मिलती. आखिर कहां जा रहा है मध्यप्रदेश कमलनाथ जी.

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यह जंगलराज नहीं तो क्या है?’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने भोपाल में मीडिया से कहा, ‘‘यदि इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. हम मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं.’’ भाजपा नेता एवं सरपंच रमेश जुनापानी का इस भीड़ हिंसा में नाम आने के संबंध में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘अपराध, अपराध है, अपराधी किसी भी दल का हो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए. लेकिन कांग्रेस यह कहकर नहीं बच सकती. अगर 500 लोगों की भीड़ में से एक को निकाल कर बताया जाये कि वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा व्यक्ति है, तो इससे अपराध क्या खत्म हो जाएगा.’’

Source : Bhasha

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