मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की धीमी पड़ी रफ्तार के साथ आम जिंदगी को पटरी पर लाने की कवायद तेज हो गई है. इसी क्रम में मंगलवार से कोरोना कर्फ्यू में ढील देते हुए अनलॉक कर दिया गया है. वहीं सरकार को तीसरी लहर की चिंता है, इसीलिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे सजग व सतर्क रहें. वहीं खंडवा को अनलॉक न लिए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. राज्य में पॉजिटिविटी रेट 1.5 प्रतिशत हो गया है, 4120 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं. रिकवरी रेट 96.36 प्रतिशत हो गया है जो संतोषजनक है. आम जिंदगी को सामान्य बनाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. अब लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए लगातार प्रेरित किया जाएगा. बीते 24 घंटे की स्थिति पर गौर करें तो प्रदेश के 36 जिलों में 10 से कम केस आए हैं वहीं 36 जिलों में सिंगल डिजिट में केस आए है.
कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने और अनलॉक किए जाने के प्रक्रिया शुरू किए जाने के बाद सरकार को तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है. साथ ही सरकार इसके लिए तमाम दिशा निर्देश भी जारी कर रही है. सरकार का जोर इस बात पर है कि कोरोना को लॉक किया जाए, इसके लिए जरुरी है कि आमजन के बीच ऐसा वातावरण बनाया जाए, जिससे लोग कोरोना को रोकने के लिए आवश्यक तरीकों को अपनाएं, वह उनके व्यवहार का हिस्सा बन जाए. कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए मास्क पहनने, दूरी बनाए रखने, बार-बार हाथ धोने, दुकानों के आगे गोले बनाने, आदि जैसी गतिविधियों को लोगों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रेरित किया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में तीसरी लहर नहीं आने देना है. आवश्यक कदम उठाए गए तो तीसरी लहर को रोकने में सहायक सिद्ध होगी. इसके साथ ही टैस्ट, पॉजिटिव व्यक्ति की पहचान कान्टेंक्ट ट्रेसिंग, कोविड केयर सेंटर में ले जाना जारी रहे. किल-कोरोना अभियान चलता रहे. इन गतिविधियों और कोविड अनुकूल व्यवहर अपनाने के लिए जागरूकता अभियान को मंत्रिगण, विधायक, सांसद नेतृत्व प्रदान करें.
मुख्यमंत्री चौहान ने उम्मीद जताई है कि छात्र शक्ति का उपयोग कर कोविड की तीसरी लहर को रोकने में मध्यप्रदेश पूरे देश में एक नया मॉडल प्रस्तुत करेगा. प्रदेश में जनता को कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जाना है. इसमें महाविद्यालय, तकनीकी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों को शामिल किया जाए. प्रदेश में 18 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं. इन विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को कोविड अनुकूल व्यवहार के मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाए. यह विद्यार्थी और प्राध्यापक कोविड अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करें. इस छात्र शक्ति और एनसीसी व एनएसएस के टीमों का योगदान कोविड अनुकूल वातावरण बनाने में प्रभावी होगा. राज्य में खंडवा ऐसा जिला है जिसे अनलॉक नहीं किया गया है. इस पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सवाल उठाते हुए कहा, "पूरे प्रदेश में अनलॉक की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, मगर खण्डवा को अनलॉक नहीं किया गया, जबकि यहां पॉजिटिविटी रेट सबसे कम है. कहीं आंकड़ों की कलाकारी कर जो पॉजिटिविटी रेट कम बताया है उसकी पोल खुलने का डर तो नहीं है? अनलॉक को लेकर इतने असमंजस में क्यों है खण्डवा प्रशासन?"
HIGHLIGHTS
- राज्य में पॉजिटिविटी रेट 1.5 प्रतिशत हो गया है
- आम जिंदगी को सामान्य बनाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है
Source : IANS