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झाबुआ में आदिवासी समाज को किराए पर नहीं लेने पड़ेंगे बर्तन

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के 218 गांव के आदिवासी परिवारों को अपने परिवार में होने वाले आयोजनों के लिए बर्तन किराए पर नहीं लेने पड़ेंगे, क्योंकि इन गांवों को सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मदद योजना के तहत बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं.

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Yogendra Mishra
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झाबुआ में आदिवासी समाज को किराए पर नहीं लेने पड़ेंगे बर्तन

प्रतीकात्मक फोटो।

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले के 218 गांव के आदिवासी परिवारों को अपने परिवार में होने वाले आयोजनों के लिए बर्तन किराए पर नहीं लेने पड़ेंगे, क्योंकि इन गांवों को सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मदद योजना के तहत बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं. राज्य सरकार के आदिम जाति कल्याण मंत्री ओंमकार सिंह मरकाम ने शनिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "प्रदेश में अब आदिवासी परिवारों को सामूहिक आयोजनों के लिए किराये पर बर्तन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. राज्य सरकार ने आदिवासियों की मदद के लिए मुख्यमंत्री मदद योजना शुरू की है."

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मंत्री मरकाम ने बताया कि, मदद योजना से आदिवासी परिवारों को जन्म एवं मृत्यु के मौकों पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं प्रदेश में कन्या विवाह योजना की राशि को भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है.

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आदिम-जाति कल्याण मंत्री मरकाम ने कार्यक्रम में कहा कि, आदिवासी क्षेत्रों में आधार-कार्ड बनाने का कार्य आदिम-जाति कल्याण विभाग करेगा. आदिवासी क्षेत्रों में अधोसंरचना के कार्यों को तेज गति के साथ पूरा किया जा रहा है.

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बताया गया है कि, सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए बर्तन गांव में उपलब्ध रहेंगे और इस वर्ग के लोगों को अपने परिवार में होने वाले आयोजनों में उपयोग के लिए नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे.

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Source : आईएएनएस

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