सियाचिन में हमारे देश के जवान तैनात है. सियाचिन एक ऐसी जगह जहां सर्दियों में पारा माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. खून जमा देने वाली ठंड में भारतीय जवान दुश्मनों का भी सामना करते हैं. पहाड़ की चोटियों पर कई फीट तक जमी बर्फ और ऊपर से होती बर्फबारी में जवानों के सामने बड़ी चुनौतियों बन जाती हैं. ऐसे में बिजली के लिए जवान क्या करते होंगे? अगर अलाओ का सहारा भी लेना हो तो क्या करते होंगे? क्यूं इतनी सर्दी में सब कुछ बर्फ ही बन जाता है.
यह भी पढ़ें: भोपाल गैस त्रासदी के जख्म अभी भी हैं ताजे, सिसक रहीं जिंदगियां
लेकिन इन सैनिकों की चुनौतियों का ख्याल करते हुए दो इंजीनियरों ने एक नया आविष्कार किया है. भोपाल के मैनिट कॉलेज से पासआउट विजय और मोहिज ने एक ऐसा जनरेटर बनाया है, जो सेना के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. 2016 में इसे बनाना शुरू किया गया.
विजय बताते हैं कि हमने कभी सोचा नहीं था कि हमारा बनाया गया जनरेटर सेना के भी काम सकता है. हमने इसे सेना के सामने रखा. हमारे कॉलेज ने भी हमें पूरा समर्थन किया. उन्होंने बताया कि इसकी जांच के लिए यानी ये माइनस 40 डिग्री सेल्सियस में काम करता है या नहीं, इसके लिए हम सेना के साथ सियाचिन में एक सप्ताह रहे और उसका परीक्षण किया.
यह भी पढ़ें: भोपाल गैस त्रासदी की 36वीं बरसी पर CM शिवराज का ऐलान- विधवाओं की पेंशन फिर से करेंगे शुरू
इंजीनियर विजय ने बताया कि एक गैस सिलेंडर की मदद से 4 दिन तक हम इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके चलने पर हीट पैदा होती है, जिससे कि सेना के जवान अलाओ का भी सहारा ले सकते हैं. हमने आत्मनिर्भर भारत के तहत इसे बनाया गया है. आज हमारा परिवार भी हम पर गर्व महसूस कर रहा है.
Source : News Nation Bureau