मध्य प्रदेश में बहुचर्चित हनी ट्रैप मामला रह-रह कर चर्चा में आ जाता है. अब इसमें अहम जानकारी सामने आई है, मामले में दो मंत्रियों के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (OSD) के नाम सामने आए हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय है. मानव तस्करी से जुड़े मामले में विशेष जांच दल (SIT) द्वारा पेश चालान में हरीश खरे और अरुण निगम के नाम शामिल हैं. खरे खद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और निगम खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल के यहां पदस्थ हैं.
जानकारी के अनुसार चालान में दोनों मंत्रियों का नाम सामने आने के बाद अब मंत्रियों को ओएसडी के महत्वपूर्ण पद पर नहीं रखा जा सकता. मंत्री तोमर ने खरे की सेवाएं लौटाने को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से बात भी की है. अधिकारियों ने उन्हें सलाह दी है कि वे नोटशीट लिखकर भेज दें तो सेवाएं वापस लेने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे.
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गौरतलब है कि निगम भाजपा सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं रंजना बघेल के स्टाफ में पदस्थ रह चुके हैं. वहीं, खरे भी पूर्व में मंत्री नरोत्तम मिश्रा के स्टाफ में रह चुके हैं. यह बात भी उठती रही है कि अधिकांश मंत्रियों के यहां स्टाफ वही है, जो भाजपा सरकार के वक्त मंत्रियों के यहां हुआ करता था. उधर, मामले के आरोपितों की जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इंदौर जिला कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट ने आरोपितों को 13 जनवरी तक जेल में भेज दिया.
आयकर विभाग सक्रिय
हनी ट्रैप मामले में दलाल-बिचौलिए, आरोपित महिलाओं और अधिकारियों के बीच हुए लाखों-करोड़ों रुपयों के लेनदेन संबंधी जानकारी सामने आते ही आयकर की इन्वेस्टीगेशन विंग के साथ इंटेलीजेंस एवं क्रिमनल इन्वेस्टीगेशन विंग भी सक्रिय हो गई है. गौरतलब है कि मामले के प्रमुख किरदार श्वेता-विजय जैन, श्वेता-स्वप्निल जैन के एनजीओ का लेखा-जोखा और आरती दयाल के घर से मिले करोड़ों रुपये के चेक व महंगी प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज भी जांच के दायरे में हंै. प्रभावशाली अधिकारी, दलाल और बिचौलिए के रूप में सामने आए अरुण सहलोत, वीरेंद्र शर्मा और गौरव शर्मा के संदर्भ में भी खुफिया विंग की सक्रियता बढ़ गई है.
Source : News State