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राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती के निशाने पर भाजपा!

भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया होता है. वह किसी जातीय दायरे में नहीं होता इसलिए इसका राजनीतिक लाभ लेने की लालसा से वक्तव्य नहीं देना चाहिए.

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Nihar Saxena
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Uma Bharti

द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी निरूपित किए जाने पर उमा ने जताया ऐतराज.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इसके बाद मध्य प्रदेश में भी इसे लेकर जश्न देखने को मिला. दरअसल भाजपा के प्रदेश कार्यालय में इसे लेकर एक बड़ा कार्यक्रम किया गया, जिसमें आदिवासी वर्ग को बुलाया गया. आदिवासी थीम पर ही भाजपा कार्यालय को सजाया भी गया. सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा आदिवासियों की पारम्परिक वेशभूषा में भी नज़र आए. नृत्य भी किया. साथ ही भाजपा के इस कार्यक्रम द्वारा ये बताने की कोशिश की गई कि भाजपा आदिवासियों के लिए कितना बड़ा सोचती है. यह अलग बात है कि इसे लेकर पूर्व मुख्य मंत्री उमा भारती ने अपनी पार्टी और नेताओं को आड़े हाथों लिया है. 

BJP को दे दी नसीहत
उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा- NDA के द्वारा भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनी गई उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के बारे में मीडिया को एवं हमारे भाजपा के लोगों को भी यह ध्यान रखना होगा कि भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया होता है. वह किसी जातीय दायरे में नहीं होता इसलिए इसका राजनीतिक लाभ लेने की लालसा से वक्तव्य नहीं देना चाहिए. श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को एनडीए के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना उन पर कोई अहसान नहीं है. वह हर तरह से योग्य महिला हैं. शैक्षिक योग्यता, समाज सेवा का समदर्शी भाव एवं संयमित संस्कारित जीवन, मन, वचन एवं कर्म की संगति का जो सधा हुआ मेल है.

द्रौपदी मुर्मू को बताया सर्वथा योग्य 
भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए इसके अलावा और क्या चाहिए, इसलिए उनकी अपनी योग्यता ही इस पद की उम्मीदवारी के चयन का आधार है. श्रीमती मुर्मू आज की सामयिक, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था की त्रिगुनाशक्ति हैं. उनके अंदर वह सब गुण विद्यमान हैं जो हमारे देश की शक्ति एवं विशेषता है. मैं श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं. हालांकि इसे लेकर भाजपा भी बयान देने से बचती हुई नज़र आयी. भाजपा का कहना है की उमा भारती हमारी बड़ी नेता है और उन्होंने भी इस फ़ैसले का स्वागत किया है.

उमा को मिला कांग्रेस का साथ
पूर्व सीएम उमा भारती ने अपने ट्वीट से बता दिया की इसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश नहीं करना चाहिए, तो दूसरी तरफ़ एनडीए ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर कोई अहसान नहीं किया है. इधर कांग्रेस भी उमा भारती के इस बयान का समर्थन कर रही है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है की उमा भारती ने बिल्कुल सही बात कही है. भाजपा को ये बताना चाहिए कि जो राष्ट्रपति की उम्मीदवार है, उन्होंने क्या क्या काम किया है. ना की उनकी जाती बतानी चाहिए. भाजपा सिर्फ़ इवेंट कर राजनीतिक फ़ायदा लेना चाहती है. पूर्व सीएम उमा भारती वैसे ही मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार को घेरने का काम कर रही है. शराब बंदी को लेकर भी पूर्व सीएम उमा भारती ने मध्य प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलकर रखा है. वो कभी किसी शराब दुकान पर पत्थर मारती हुई नज़र आती है, तो कभी किसी शराब दुकान पर गोबर फेंकती हुई दिखाई देती है. यानी कभी शराब बंदी के नाम पर तो अब राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर किए गए कार्यक्रम को लेकर भाजपा के नेता हर बार की तरह इस बार भी उमा भारती को लेकर कुछ कहने से बच रही है.

HIGHLIGHTS

  • आदिवासी महिला प्रत्याशी बतौर न उठाएं राजनीतिक लाभ
  • राष्ट्रपति भारत का संवैधानिक मुखिया, जातीय दायरे में न बांधे
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