मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने शराबबंदी की पैरवी करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भाजपा शासित राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की मांग की है. भाजपा नेता उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर एक के बाद एक कुल आठ ट्वीट किए. इन ट्वीट में उन्होंने शराबबंदी से समाज को होने वाले नुकसान का हवाला दिया है. उन्होंने कहा है कि, शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है, शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है, किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं तथा देश एवं समाज के लिए कलंक हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि, कानून व्यवस्था को मेंटेन करने के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च होते हैं, समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है. इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है. उमा भारती ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हुए शराब कांड का जिक्र करते हुए कहा, अभी हाल में उप्र एवं मप्र में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई. सड़क दुर्घटनाओं के अधिकतर कारण तो ड्राइवर का शराब पीना ही होता है. यह बड़े आश्चर्य की बात है कि शराब मृत्यु का दूत है, फिर भी थोड़े से राजस्व का लालच एवं शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है.
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भाजपा शासित राज्यों में शाराबबंदी की पैरवी करते हुए उमा भारती ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से कहा, मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से इस ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं, उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए. मध्य प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या को लेकर उमा भारती ने कहा मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है, शिवराज सिंह चौहान का यह वक्तव्य अभिनंदनीय है.
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कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोगों को शराब न मिलने की स्थिति का जिक्र करते हुए उमा भारती ने लिखा, कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई, किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा. उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है, जैसे मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है, वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो, सरकारी तंत्र के द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है."
बिहार में विधानसभा चुनाव में शराबबंदी को मुद्दा बनाए जाने पर भाजपा को मिली सफलता का जिक्र करते हुए उमा भारती ने लिखा राजनीतिक दलों पर चुनाव जीतने का दबाव रहता है. बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिये.
Source : IANS